ज्ञान मंथन-23-06-2025

ज्ञान मंथन-23-06-2025/श्रीकृष्ण को विश्व का मालिक किसने बनाया?

( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)

YouTube player

(स्वर्ग, श्रीकृष्ण और नई दुनिया की गुप्त सच्चाई | Murli आधारित गूढ़ रहस्य)


 प्रस्तावना:

“श्रीकृष्ण को विश्व का मालिक किसने बनाया?”
यह प्रश्न जितना सरल लगता है, उत्तर उतना ही रहस्यमय है।
क्योंकि श्रीकृष्ण को केवल एक सुंदर देवता या बालरूप में देखने की भूल ने सत्य को छिपा दिया।
आज हम जानेंगे वह गुप्त सत्य जो केवल संगमयुग पर ही बताया जाता है।

Murli Point:
श्रीकृष्ण तो विश्व का मालिक था, बेहद के मालिक को जैसे हद का मालिक बना देते हैं।


1. सत्य का विस्मरण: श्रीकृष्ण की पहचान को छोटा बना दिया गया

आजकल श्रीकृष्ण के छोटे-से मंदिर को भी “सुखधाम” कह देते हैं —
पर क्या यह भूल नहीं कि जो संपूर्ण विश्व का मालिक था, उसे हम एक छोटे मंदिर तक सीमित कर दें?

उदाहरण:
जैसे कोई सम्राट हो और लोग उसे केवल एक छोटे महल का राजा समझ लें —
तो यह उसके गौरव का अपमान होगा। वैसे ही हुआ श्रीकृष्ण के साथ।

Murli Note:
श्रीकृष्ण के छोटे से मन्दिर को सुखधाम कहते हैं। बुद्धि में यह नहीं आता कि वह तो विश्व का मालिक था।


2.  श्रीकृष्ण का राज्य: एक धर्म, एक भाषा, एक राजा

श्रीकृष्ण के समय की दुनिया ही स्वर्ग थी —
जहाँ एक ही धर्म, एक ही राजा और पूर्ण सुख-शांति का राज्य था।

 “भारत आज से 5000 वर्ष पहले स्वर्ग था – इन लक्ष्मी-नारायण का राज्य था।”
श्रीकृष्ण पहले प्रिन्स था, फिर स्वयंवर के बाद राजा बना — और उसका नाम पड़ा “श्रीनारायण”।

Murli Insight:
श्रीकृष्ण वैकुण्ठ का मालिक नहीं, विश्व का मालिक था।


3.  रचयिता कौन? – वह जो श्रीकृष्ण को बनाता है

श्रीकृष्ण स्वयं से देवता नहीं बना — उसे बनाया गया
वह रचयिता है — परमपिता परमात्मा शिव
जो संगमयुग पर आकर नई दुनिया की स्थापना करते हैं।

📜 “बाप जिसको रचता कहा जाता है, वह नई दुनिया का रचता है।


4.  ब्रह्मा का रोल – बाप का पहला बच्चा

शिवबाबा ने ब्रह्मा को चुना — उसमें प्रवेश कर कहा, “यह हमारा बच्चा है।
फिर उसके मुख से ब्राह्मण रचे, जो आगे चलकर देवता बने।

Murli Point:
प्रजापिता ब्रह्मा तो जरूर यहाँ ही चाहिए, जिससे ब्राह्मण पैदा हों।


5.  बाप ही सृष्टि के आदि-मध्य-अन्त को जानता है

दुनिया में कोई नहीं जानता कि ब्रह्मा, विष्णु और शंकर कौन हैं।
ज्ञान का सागर सिर्फ परमात्मा है — वही राजयोग सिखाते हैं।

📜 “बाप तो कोई शास्त्र नहीं सुनाते, वह तो ज्ञान सुनाते हैं – जिससे आत्मा की सद्गति होती है।


6.  सर्वव्यापी की भ्रांति – सत्य ज्ञान से दूर ले गई

भगवान सर्वव्यापी है” — यह भ्रांति सबसे बड़ा बंधन बनी।
परंतु Murli ज्ञान कहता है:

 “अगर सब फादर हो गए तो फादरहुड ही खत्म हो गया। फादर से बच्चा ही वर्सा लेता है।

आत्मा और परमात्मा अलग हैं — आत्मा जीव है, परमात्मा सुप्रीम।


7.  रामराज्य की स्थापना – शिवबाबा की जिम्मेदारी

अब फिर से रामराज्य की स्थापना हो रही है —
जहाँ श्रीकृष्ण जैसा विश्व का मालिक पैदा होगा।

 “अब रावणराज्य का विनाश होना है और रामराज्य की स्थापना शिवबाबा कर रहे हैं।


8.  शिवबाबा: बाप, टीचर और सतगुरू

शिवबाबा एक ही समय तीन रूप में सेवा कर रहे हैं —
बाप भी, शिक्षक भी, और गुरू भी।

 “बाप, टीचर, सतगुरू – तीनों ही एक में हैं। ऐसा लवली बाबा है।
बाबा, हमने आपको अपना वारिस बनाया है।


9.  कर्म, भाग्य और ट्रस्टीपना

शिवबाबा हमें सिखाते हैं — कैसे हर कर्म पुण्य बने।
“ट्रस्टी” बनकर चलना ही श्रेष्ठ आत्मा की पहचान है।

 “देखते हैं – कोई पाप कर्म में तो पैसे खराब नहीं कर रहा है? पुण्य आत्मा बनाने में लगाते हो?


10.  बाप का वायदा: 21 जन्मों की प्रालब्ध

शिवबाबा का यह अटूट वायदा है —
तुम ब्राह्मणों को श्रीकृष्ण जैसे देवता बनाएंगे।

 “तुम अभी पुरुषोत्तम बन रहे हो – फिर 21 जन्मों तक प्रालब्ध भोगेंगे।


 निष्कर्ष:

तो श्रीकृष्ण को विश्व का मालिक किसने बनाया?
उत्तर: परमपिता परमात्मा शिव।
उन्होंने संगमयुग पर आकर ब्रह्मा द्वारा ब्राह्मण रचे, और उन्हीं में से श्रेष्ठ आत्मा को श्रीकृष्ण बनाया।

यह रहस्य कोई शास्त्र, कोई भक्त या कोई विद्वान नहीं जानता —
यह केवल अभी, संगमयुग पर, शिवबाबा द्वारा दी जाने वाली Murli ज्ञान में ही स्पष्ट होता है।

प्रश्न 1: श्रीकृष्ण को विश्व का मालिक किसने बनाया?
उत्तर: परमपिता परमात्मा शिव ने संगमयुग पर आकर श्रेष्ठ आत्मा को श्रीकृष्ण बनाया।

प्रश्न 2: क्या श्रीकृष्ण स्वयं भगवान है?
उत्तर: नहीं, वह देवता है। भगवान तो एक ही है – शिव, जो श्रीकृष्ण को बनाते हैं।


प्रश्न 3: श्रीकृष्ण को “सुखधाम का मालिक” क्यों कहा जाता है?
उत्तर: क्योंकि वे उस स्वर्ग की शुरुआत में जन्म लेने वाले प्रथम राजकुमार थे।


प्रश्न 4: श्रीकृष्ण कौन-से युग में था?
उत्तर: सतयुग की शुरुआत में, जब लक्ष्मी-नारायण का राज्य था।


प्रश्न 5: श्रीकृष्ण का असली नाम क्या था जब वह राजा बना?
उत्तर: श्रीनारायण।


प्रश्न 6: श्रीकृष्ण देवता कैसे बना?
उत्तर: संगमयुग पर ब्रह्मा द्वारा रचे गए ब्राह्मण कुल से, शिवबाबा की शिक्षा से।


प्रश्न 7: क्या श्रीकृष्ण को मंदिर में सीमित करना सही है?
उत्तर: नहीं, यह सत्य का अपमान है; वह तो सम्पूर्ण विश्व का मालिक था।


प्रश्न 8: श्रीकृष्ण को किसने रचा?
उत्तर: परमात्मा शिव ने ब्रह्मा द्वारा रचकर।


प्रश्न 9: ब्रह्मा का श्रीकृष्ण से क्या संबंध है?
उत्तर: ब्रह्मा संगमयुग का माध्यम है, जिससे ब्राह्मण रचे जाते हैं — वही ब्राह्मण आगे चलकर श्रीकृष्ण जैसे देवता बनते हैं।


प्रश्न 10: परमात्मा शिव कौन-से रूप में सेवा करते हैं?
उत्तर: एक ही समय बाप, टीचर और सतगुरू – तीनों रूपों में।


प्रश्न 11: श्रीकृष्ण के समय में कौन-सा राज्य था?
उत्तर: रामराज्य या स्वर्ग, जहाँ एक धर्म, एक राजा और संपूर्ण शांति थी।

प्रश्न 12: “भगवान सर्वव्यापी है” की धारणा से क्या नुकसान हुआ?
उत्तर: इससे परमात्मा की सच्ची पहचान खो गई और आत्मा-परमात्मा का फर्क मिटा दिया गया।


प्रश्न 13: अब शिवबाबा क्या कार्य कर रहे हैं?
उत्तर: रावणराज्य का अंत करके फिर से श्रीकृष्ण जैसा रामराज्य स्थापन कर रहे हैं।


प्रश्न 14: हमें कैसे बनना है ताकि श्रीकृष्ण जैसी प्रालब्ध मिले?
उत्तर: ट्रस्टी बनकर, हर कर्म को पुण्य में बदलते हुए पुरुषोत्तम आत्मा बनना है।


प्रश्न 15: श्रीकृष्ण की वास्तविकता हमें कहाँ से पता चलती है?
उत्तर: केवल ब्रह्माकुमारियों की अव्यक्त मुरली ज्ञान से — जो परमात्मा संगमयुग पर देते हैं।


निष्कर्ष:
“श्रीकृष्ण को विश्व का मालिक परमात्मा शिव ने बनाया। यह गुप्त सत्य संगमयुग पर ही मुरली ज्ञान से मिलता है।”

श्रीकृष्ण, विश्व का मालिक, श्रीकृष्ण का रहस्य, ब्रह्माकुमारीज ज्ञान, शिवबाबा, परमात्मा शिव, ब्रह्मा की भूमिका, संगमयुग, नई दुनिया की स्थापना, ब्राह्मण से देवता, मुरली ज्ञान, श्रीकृष्ण और शिव का संबंध, श्रीनारायण, रामराज्य, रावणराज्य, वैकुण्ठ नहीं स्वर्ग, आत्मा और परमात्मा, ब्रह्मा विष्णु शंकर, बाप टीचर सतगुरू, ट्रस्टी जीवन, पुरुषोत्तम आत्मा, श्रीकृष्ण सत्य, आत्मिक ज्ञान, गुप्त आध्यात्मिक रहस्य, ब्रह्मा कुमारिस ब्लॉग, आध्यात्मिकता, आध्यात्मिक लेख

Shri Krishna, Master of the World, Secret of Shri Krishna, Brahma Kumaris Knowledge, Shiv Baba, Paramatma Shiva, Brahma’s Role, Confluence Age, Establishment of New World, Brahmin to Deity, Murli Gyan, Relationship between Shri Krishna and Shiva, Shri Narayan, Ram Rajya, Ravan Rajya, Heaven not Vaikunth, Soul and Paramatma, Brahma Vishnu Shankar, Father Teacher Satguru, Trustee Life, Purushottam Soul, Shri Krishna Truth, Spiritual Knowledge, Secret Spiritual Secret, Brahma Kumaris Blog, Spirituality, Spiritual Articles