(06) What is the power of bringing together through Sahaja Raja Yoga?

(06)सहज राजयोग द्वारा समेटने की शत्कि क्या है यह शत्कि ?

( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)

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समेटने की शक्ति: सहज राजयोग से जीवन में श्रेष्ठता | Brahma Kumaris Gyaan”


ओम् शांति

विषय:
आज हम चर्चा करेंगे “सहज राजयोग से प्राप्त समेटने की शक्ति” पर।
सहज राजयोग से हमें अष्ट शक्तियाँ प्राप्त होती हैं।
इनमें एक अत्यंत प्रभावशाली और व्यावहारिक शक्ति है — समेटने की शक्ति।


 1. समेटने की शक्ति क्या है?

समेटने की शक्ति का अर्थ है:
 कम समय, कम शब्द, कम संसाधन में
 अधिक प्रभावशाली और सार्थक कार्य करना।

यह शक्ति उस आत्मा में आती है —
जो भीतर से स्थिर, एकाग्र और परमात्मा से जुड़ी हुई होती है।

मुरली संकेत:
“बच्चे, समेटने की शक्ति से ही सच्चा सेवाधारी बनते हो।”
(अव्यक्त मुरली)


 2. राजयोग से यह शक्ति कैसे आती है?

जब आत्मा परमात्मा से जुड़ती है,
तो उसकी ऊर्जा बिखरती नहीं, बल्कि एकत्र होकर
उसके हर संकल्प, हर कर्म और हर बोल में गहराई व सार आ जाता है।

राजयोग से मिलती है:

  • शांति

  • संकल्पों में स्वच्छता

  • और कर्मों में लगन

मुरली संकेत:
“राजयोग से जो शक्ति आती है, वह तुम्हारे हर बोल, हर कर्म और संकल्प में समेटापन लाती है।”


 3. जीवन में समेटने की शक्ति क्यों आवश्यक है?

आज की दुनिया में —

  • लोग अधिक बोलते हैं, कम सुनते हैं

  • अधिक सोचते हैं, पर स्थिर नहीं रहते

  • बहुत कुछ करते हैं, पर परिणाम कम होता है

 ऐसे में समेटने की शक्ति:

  • कम बोलकर प्रभावशाली बात करने देती है

  • कम में भी सेवा सफल बनाती है

  • कम समय में शांति का अनुभव कराती है

मुरली संकेत:
“ब्राह्मण जीवन में समेटने की शक्ति अनमोल है। वरना समय, संकल्प और शक्तियाँ व्यर्थ चली जाती हैं।”


 4. प्रेरक उदाहरण

 उदाहरण 1:
दो वक्ता मंच पर हैं —
पहला बहुत बोलता है, पर याद कुछ नहीं रहता।
दूसरा केवल दो-तीन गूढ़ वाक्य कहता है —
लेकिन वह सीधा हृदय में उतर जाता है।

 यही है समेटने की शक्ति।

 उदाहरण 2:
एक बहन हर सेवा में भाग लेती है, लेकिन कुछ भी पूरा नहीं करती।
दूसरी बहन कुछ ही सेवाओं को चुनती है,
पर पूरे मन से करती है — परिणाम बहुत गहरा होता है।


 5. किन बातों को समेटना सीखें?

  • विचारों को: कम सोचो, पर गहराई से सोचो।

  • बोलों को: कम बोलो, अर्थ सहित बोलो।

  • समय को: हर क्षण का श्रेष्ठ उपयोग करो।

  • संसाधनों को: साधनों का सदुपयोग करो।

  • भावनाओं को: स्थिर रखो, व्यर्थ में न बहो।

मुरली संकेत:
“जो आत्मा सच्ची राजयोगी होती है, वह व्यर्थ संकल्प नहीं करती — इसलिए समेटने में समर्थ होती है।”


 6. समेटने की शक्ति कैसे प्राप्त करें?

नियमित योग अभ्यास – आत्मा को परमात्मा से शक्ति मिले
हर मुरली के बाद मौन मनन – 5 मिनट सार बिंदु आत्मसात करें
सीमित में संतुष्ट रहना – जो है, उसी में श्रेष्ठता लाना
मौन को मित्र बनाएं – कम बोलें, अधिक अनुभव करें

मुरली संकेत:
“जो आत्मा समेटने में समर्थ होती है, वही आत्मा सहजता से आगे बढ़ती है।”


 7. समेटने की शक्ति और सफलता का संबंध

जिस आत्मा में समेटने की शक्ति है, वह:

  • समय बचाती है

  • मन हल्का रहता है

  • संकल्पों में बिखराव नहीं होता

  • सेवा अधिक प्रभावशाली होती है

मुरली स्मृति:
“समय, संकल्प, शब्द और शक्तियों को समेटो — यही ब्रह्मा बाबा से सीखना है।”

सहज राजयोग आत्मा को वो शक्ति देता है —
जिससे जीवन को साधारण से श्रेष्ठ, और भारी से हल्का बनाया जा सकता है।

समेटने की शक्ति —
हर ब्राह्मण आत्मा की पहचान है।
यह हमें भी हल्का करती है और दूसरों को भी प्रभावित करती है।


फाइनल मुरली रिमाइंडर:

“बच्चे! समेटो… समेटो… यही समय की मांग है।”


 समापन:

ओम् शांति।
यदि आप इस ज्ञान को गहराई से समझना चाहते हैं,
तो निकटतम ब्रह्माकुमारी सेवा केंद्र से संपर्क करें।

प्रश्नोत्तरी: “समेटने की शक्ति: सहज राजयोग से जीवन में श्रेष्ठता” | Brahma Kumaris Gyaan
ओम् शांति
यह प्रश्नोत्तरी आपको सहज राजयोग द्वारा मिलने वाली समेटने की शक्ति की गहराई समझाने में मदद करेगी।


प्रश्न 1: समेटने की शक्ति क्या होती है?

उत्तर:समेटने की शक्ति का अर्थ है –
कम समय, कम शब्द और कम संसाधनों में अधिक प्रभावशाली और सार्थक कार्य करना।
यह शक्ति उस आत्मा में आती है जो स्थिर, एकाग्र और योगयुक्त होती है।

मुरली:
बच्चे, समेटने की शक्ति से ही सच्चा सेवाधारी बनते हो।


प्रश्न 2: समेटने की शक्ति राजयोग से कैसे आती है?

उत्तर:जब आत्मा परमात्मा से जुड़ती है,
तो उसकी ऊर्जा बिखरती नहीं,
बल्कि एकत्र होकर संकल्पों, शब्दों और कर्मों में गहराई व स्थिरता लाती है।

राजयोग से आत्मा को मिलती है:

  • शांति

  • संकल्पों की स्वच्छता

  • कर्म में लगन

मुरली:
राजयोग से जो शक्ति आती है, वह तुम्हारे हर बोल, हर कर्म और संकल्प में समेटापन लाती है।


प्रश्न 3: समेटने की शक्ति क्यों आवश्यक है?

उत्तर:आज के समय में:

  • अधिक बोलने, सोचने और करने से भी परिणाम कम मिलता है।

  • समेटने की शक्ति से हम कम में भी श्रेष्ठता ला सकते हैं।

  • शांति, स्थिरता और सार्थकता बनी रहती है।

मुरली:
ब्राह्मण जीवन में समेटने की शक्ति अनमोल है। वरना समय, संकल्प और शक्तियाँ व्यर्थ चली जाती हैं।


प्रश्न 4: समेटने की शक्ति का कोई उदाहरण?

उत्तर:उदाहरण 1:
दो वक्ता मंच पर हैं —
एक लंबा भाषण देता है पर कोई याद नहीं रखता।
दूसरा 2-3 गूढ़ वाक्य बोलता है — और वह सीधा दिल में उतर जाता है।

उदाहरण 2:
एक बहन हर सेवा में भाग लेती है, पर हर कार्य अधूरा रहता है।
दूसरी बहन कम सेवाएं करती है, पर पूरी लगन से — परिणाम अधिक होता है।


❓प्रश्न 5: किन बातों को समेटना सीखना चाहिए?

उत्तर:

  • विचारों को: कम और गहराई से सोचें

  • बोलों को: कम और अर्थपूर्ण बोलें

  • समय को: श्रेष्ठता से उपयोग करें

  • संसाधनों को: व्यर्थ ना करें, सेवा में लगाएं

  • भावनाओं को: स्थिर बनाएं, दूसरों की बातों में न बहें

मुरली:
जो आत्मा सच्ची राजयोगी होती है, वह व्यर्थ संकल्प नहीं करती — इसलिए समेटने में समर्थ होती है।


प्रश्न 6: समेटने की शक्ति कैसे प्राप्त करें?

उत्तर:नियमित राजयोग अभ्यास करें
 मुरली के बाद 5 मिनट मौन मनन करें
 सीमित में संतुष्ट रहना सीखें
 मौन को अपना मित्र बनाएं — कम बोलें, अधिक अनुभव करें

मुरली:
जो आत्मा समेटने में समर्थ होती है, वही सहजता से आगे बढ़ती है।


प्रश्न 7: समेटने की शक्ति और सफलता का क्या संबंध है?

उत्तर:समेटने की शक्ति से:

  • समय बचता है

  • मन हल्का रहता है

  • संकल्प और ऊर्जा बिखरती नहीं

  • सेवा अधिक सफल होती है

मुरली:
समय, संकल्प, शब्द और शक्तियों को समेटो — यही ब्रह्मा बाबा से सीखना है।

समेटने की शक्ति = श्रेष्ठ आत्मिक जीवन
सहज राजयोग हमें वह शक्ति देता है जिससे हम अपने जीवन को साधारण से श्रेष्ठ और भारी से हल्का बना सकते हैं।
यह शक्ति हमें भी लाभ देती है और समाज को भी।


 फाइनल मुरली रिमाइंडर:

“बच्चे! समेटो… समेटो… यही समय की मांग है।”


ओम् शांति
अगर आप इस ज्ञान को और गहराई से समझना चाहते हैं, तो निकटतम ब्रह्माकुमारी सेवा केंद्र से संपर्क करें।

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