(07)रावण का असली जन्म माया के राज्य का रहस्य
“रावण का असली जन्म | माया के राज्य का रहस्य |
रावण का असली जन्म और माया का राज्य
प्रस्तावना
हर साल दशहरा आता है और हम रावण की कहानी सुनते हैं—उसका जन्म, लंका पर राज्य, और भगवान द्वारा उसका वध।
लेकिन सवाल यह है – क्या सचमुच रावण कोई 10 सिर वाला राजा था या यह एक गहरा आध्यात्मिक प्रतीक है?
वाल्मीकि रामायण की कथा
-
उत्तरकांड में लिखा है कि रावण का जन्म वैश्य मुनि और केसी से हुआ।
-
कहा जाता है कि उसके 10 सिर थे और उसने 10,000 वर्ष तपस्या की।
-
हर हजार वर्ष बाद एक सिर अग्नि में होम कर देता था और ब्रह्मा वरदान देकर उसे वापस लौटा देते थे।
-
बाद में उसने कुबेर को हराकर लंका पर राज्य कर लिया।
परंतु क्या यह संभव है कि कोई मनुष्य 10 सिर लेकर जन्म ले?
क्या कोई 10,000 वर्षों तक बिना भोजन के जीवित रह सकता है?
यह सब प्रतीकात्मक कथाएँ हैं।
आध्यात्मिक व्याख्या (BK ज्ञान अनुसार)
ब्रह्माकुमारीज़ के अनुसार:
-
रावण का जन्म भौतिक नहीं, बल्कि आध्यात्मिक घटना का प्रतीक है।
-
लंका = यह संसार, जो चारों ओर सागर से घिरा है।
-
रसातल = अज्ञान और विकारों का गर्त। जब आत्मा विकारों में गिरती है, तो रसातल में चली जाती है।
-
कुबेर का राज्य = सतयुग और त्रेतायुग का दिव्य राज्य।
-
रावण का जन्म = माया का प्रवेश और कलियुग का अंधकार।
रावण के 10 सिर = 10 विकार
-
काम
-
क्रोध
-
लोभ
-
मोह
-
अहंकार
-
ईर्ष्या
-
द्वेष
-
छल
-
हट / ज़िद
-
आलस्य
यही असली दशानन है।
मुरली प्रमाण
-
साकार मुरली 23-10-1969
“रावण कोई मनुष्य नहीं था। रावण का अर्थ है विकार – काम, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार।” -
साकार मुरली 15-10-1970
“दशहरे का अर्थ है विकारों पर विजय। यह कार्य केवल परमात्मा आकर कराते हैं।” -
अव्यक्त मुरली 03-10-1982
“रावण का राज्य माया का राज्य है। भगवान आकर उसे जलाते हैं और रामराज्य की स्थापना करते हैं।”
उदाहरण
जैसे अगर किसी को कहा जाए कि उसके 10 हाथ हैं, तो इसका मतलब यह नहीं कि सचमुच 10 हाथ हैं, बल्कि वह बहुत कार्य करने वाला है।
उसी प्रकार रावण के 10 सिर प्रतीक हैं—माया के 10 विकारों के।
निष्कर्ष
-
रावण का असली जन्म तब हुआ जब आत्मा विकारों में फँसी।
-
लंका कोई द्वीप नहीं, बल्कि पूरा संसार ही है।
-
रावण का वध हर साल दशहरे पर केवल यादगार है कि भगवान शिव आकर आत्माओं को माया के बंधन से मुक्त करते हैं और रामराज्य की स्थापना करते हैं।
रावण का असली जन्म और माया का राज्य
प्रश्न 1: क्या रावण वास्तव में 10 सिर वाला मनुष्य था?
उत्तर: नहीं, यह केवल एक आध्यात्मिक प्रतीक है। रावण के 10 सिर का अर्थ है — 10 प्रकार के विकार (काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार, ईर्ष्या, द्वेष, छल, हठ, आलस्य)।
प्रश्न 2: वाल्मीकि रामायण में रावण की कहानी क्यों लिखी गई?
उत्तर: वाल्मीकि जी ने इसे रूपक के रूप में लिखा। तपस्या, 10 सिर काटना और पुनः जुड़ना — ये सब आध्यात्मिक संकेत हैं कि विकार बार-बार प्रकट होते हैं जब तक परमात्मा आकर उन्हें समाप्त न करें।
प्रश्न 3: असली “लंका” का क्या अर्थ है?
उत्तर: मुरली में बाबा ने कहा है कि यह पूरी पृथ्वी ही “लंका” है, क्योंकि चारों ओर पानी से घिरी है और माया का राज्य यहाँ चलता है।
प्रश्न 4: रावण का जन्म कब हुआ?
उत्तर: रावण का जन्म भौतिक रूप से नहीं हुआ, बल्कि तब हुआ जब आत्मा विकारों में फँस गई और अज्ञान के अंधकार में चली गई।
प्रश्न 5: दशहरे का असली अर्थ क्या है?
उत्तर: साकार मुरली (15 अक्टूबर 1970) में बाबा ने कहा – दशहरा का अर्थ है विकारों पर विजय। असली दशहरा तब मनाया जाता है जब परमात्मा शिव आकर हमें योगबल से रावण रूपी विकारों पर जीत दिलाते हैं।
Disclaimer
यह वीडियो ब्रह्माकुमारीज़ की मुरलियों और आध्यात्मिक ज्ञान पर आधारित है। इसका उद्देश्य केवल सत्य और आत्मिक शिक्षा को स्पष्ट करना है। यह किसी भी धर्म, परंपरा या मान्यता की आलोचना नहीं है।
Birth of Ravana, 10 heads of Ravana, secret of Dussehra, who was the real Ravana, Ravana and Maya, truth about Ravana, Brahma Kumaris knowledge, Murli points, Shiv Baba’s Murli, Avyakt Murli, Sakar Murli, meaning of Ravana Dahan, Dussehra spiritual secret, kingdom of Maya, victory over vices, lust, anger, greed, attachment, ego, BK Murli, Om Shanti, Ram Rajya, spiritual knowledge,
रावण का जन्म, रावण के 10 सिर, दशहरा का रहस्य, असली रावण कौन था, रावण और माया, रावण की सच्चाई, ब्रह्माकुमारीज़ ज्ञान, मुरली पॉइंट्स, शिव बाबा की मुरली, अव्यक्त मुरली, साकार मुरली, रावण दहन का अर्थ, दशहरा आध्यात्मिक रहस्य, माया का राज्य, भगवान पर विजय, क्रोध लोभ मोह माया, बीके मुरली, ओम शांति, राम राज्य, आध्यात्मिक ज्ञान,