1-2 “The true meaning of ‘nafs’ and ‘ruh’ in the Quran

1-2″कुरान में ‘नफ्स’और ‘रूह’ का असली अर्थ

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(प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)

नफ़्स और रूह का दिव्य रहस्य

प्रस्तावना

पिछले भाग में हमने समझा कि इंसान केवल शरीर नहीं, बल्कि आत्मा है। आज हम गहराई से देखेंगे कि कुरान शरीफ़ में “नफ़्स” और “रूह” का क्या अर्थ है, और ईश्वरीय ज्ञान से उसका वास्तविक रहस्य क्या है।


नफ़्स का अर्थ – आत्मा (Soul)

कुरान में “नफ़्स” शब्द आत्मा या “स्व” के लिए प्रयुक्त हुआ है।

कुरान संदर्भ – सूरा आले-इमरान 3:185

“हर नफ़्स को मौत का स्वाद चखना है।”

इसका अर्थ है – शरीर नहीं मरता, बल्कि आत्मा (नफ़्स) शरीर को छोड़ देती है।

उदाहरण

जैसे कोई किराए का मकान बदलता है।
 आदमी वही रहता है, केवल मकान बदल जाता है।
 वैसे ही आत्मा (नफ़्स) शरीर बदलती है।


रूह का अर्थ – ईश्वरीय शक्ति (Divine Energy)

“रूह” का मतलब है – परमात्मा द्वारा आत्मा में फूंकी गई दिव्य शक्ति।

कुरान संदर्भ – सूरा सात:38-72

“और मैंने उसमें अपनी रूह की…”

इसका अर्थ है कि आत्मा परमात्मा से आई हुई एक अमर ऊर्जा है।

उदाहरण

जैसे बिजली पावर हाउस से आती है और बल्ब को रोशन करती है।
बल्ब अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन करंट एक ही स्रोत से आता है।
वैसे ही आत्मा की शक्ति परमात्मा से आती है।


मुरली समर्थन

साकार मुरली – 2 सितंबर 2025

“बच्चे, आत्मा का धर्म शांति है। यह शांति परमात्मा की देन है।”

साकार मुरली – 12 सितंबर 2025

“आत्मा तो सितारा है। परमात्मा भी परम सितारा है। आत्मा की शक्ति रूहानी बाप से मिलती है।”


नफ़्स और रूह में अंतर

नफ़्स रूह
आत्मा स्वयं (मैं आत्मा हूँ) परमात्मा की ओर से आत्मा में आने वाली शक्ति
शरीर में आकर अनुभव करती है – सुख-दुख, कर्म जीवन देती है और दिव्य गुणों से भरती है
उदाहरण – मोबाइल उदाहरण – मोबाइल की चार्जिंग करंट

उदाहरण द्वारा समझें

मोबाइल = आत्मा (नफ़्स)
करंट / चार्जिंग = परमात्मा की शक्ति (रूह)

मोबाइल तभी चलेगा जब करंट मिलेगा।
आत्मा तभी शक्तिशाली बनेगी जब परमात्मा से जुड़ाव होगा।


निष्कर्ष

  • नफ़्स = आत्मा

  • रूह = परमात्मा की शक्ति

  • आत्मा और परमात्मा का संबंध ही जीवन का असली उद्देश्य है।


नफ़्स और रूह का रहस्य – जानें आत्मा और परमात्मा का संबंध


प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1: नफ़्स का अर्थ क्या है?
उत्तर: नफ़्स का मतलब है आत्मा (Soul)। यह शरीर में रहते हुए अनुभव करती है – सुख-दुख, कर्म और जीवन के फल। कुरान में लिखा है, “हर नफ़्स को मौत का स्वाद चखना है।” इसका मतलब है कि आत्मा शरीर को छोड़ देती है, लेकिन मृत्यु के बाद भी अमर रहती है।


प्रश्न 2: रूह का क्या अर्थ है?
उत्तर: रूह का मतलब है – परमात्मा द्वारा आत्मा में भेजी गई दिव्य शक्ति। यह आत्मा को जीवन देती है और उसे शक्ति, ऊर्जा और दिव्यता प्रदान करती है।


प्रश्न 3: नफ़्स और रूह में क्या अंतर है?
उत्तर:

  • नफ़्स: आत्मा स्वयं महसूस करती है, “मैं आत्मा हूँ।” यह अनुभव करने वाली शक्ति है।

  • रूह: परमात्मा की ओर से आने वाली ऊर्जा, जो नफ़्स को जीवन देती है और उसे दिव्य गुणों से भरती है।


प्रश्न 4: उदाहरण के रूप में नफ़्स और रूह को कैसे समझ सकते हैं?
उत्तर:

  • मोबाइल = नफ़्स (आत्मा)

  • चार्जिंग करंट = रूह (ईश्वरीय शक्ति)
    मोबाइल तभी काम करेगा जब करंट मिलेगा। वैसे ही, आत्मा तभी शक्तिशाली और जीवन से भरपूर रहेगी जब परमात्मा की शक्ति उससे जुड़ी होगी।


प्रश्न 5: मुरली में नफ़्स और रूह के बारे में क्या कहा गया है?
उत्तर:

  • साकार मुरली 2 सितंबर 2025: “बच्चे, आत्मा का धर्म शांति है। यह शांति परमात्मा की देन है।”

  • साकार मुरली 12 सितंबर 2025: “आत्मा तो सितारा है। परमात्मा भी परम सितारा है। आत्मा की शक्ति रूहानी बाप से मिलती है।”


प्रश्न 6: नफ़्स और रूह को समझने से जीवन का असली उद्देश्य क्या समझ आता है?
उत्तर: जब हम समझते हैं कि नफ़्स (आत्मा) और रूह (परमात्मा की शक्ति) कैसे जुड़ी हैं, तो जीवन का उद्देश्य स्पष्ट होता है – आत्मा को परमात्मा से जोड़ना और शांति, शक्ति, प्रेम और दिव्यता प्राप्त करना।


प्रश्न 7: अगले भाग में क्या जानने को मिलेगा?
उत्तर: अगले वीडियो में हम आत्मा के पाँच मूल गुण (Peace, Purity, Love, Happiness, Power) को समझेंगे और जानेंगे कि आत्मा में कौन-कौन से दिव्य गुण हैं।


Disclaimer

यह वीडियो आध्यात्मिक अध्ययन और मनन के लिए है। इसका उद्देश्य किसी धर्म या संप्रदाय की आलोचना करना नहीं, बल्कि आत्मा और परमात्मा के वास्तविक संबंध को उजागर करना है।

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