(25)Angel’s Double Light: Be free from the burden of body and mind,

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फ़रिश्ता स्थिति:(25)फरिश्ता की डबल लाइट:तन और मन के बोझ से मुक्त हो,
अध्याय: फरिश्ता सिद्धि – डबल लाइट आत्मा
परिचय

आज हम फरिश्ता सिद्धि का 25वां विषय अध्ययन कर रहे हैं: “डबल लाइट आत्मा”
फरिश्ता वह आत्मा है जो देह और संबंध से परे, केवल परमात्मा और आत्मा के अनुभव में स्थित होती है। ऐसी आत्मा तन और मन के बोझ से पूरी तरह मुक्त होती है।

उदाहरण: जैसे दीपक बिना किसी बाधा के प्रकाश फैलाता है, वैसे ही फरिश्ता आत्मा अपनी डबल लाइट से शक्ति और शांति फैलाती है।


1. डबल लाइट का अर्थ

डबल लाइट का मतलब है:

  • तन का बोझ नहीं – शरीर का भार या थकान अनुभव नहीं होती।

  • मन का बोझ नहीं – चिंता, मोह, तनाव या समस्याओं का अनुभव नहीं होता।

मुरली उद्धरण:

  • अव्यक्त मुरली, 21 जनवरी 1970 – “फरिश्ता हमेशा डबल लाइट होता है।”

  • 16 मार्च 1969 – “डबल लाइट का मतलब है आत्मिक, आत्मा शारीरिक और मानसिक दोनों रूपों से हल्की और मुक्त रहती है।”

उदाहरण:
जैसे पंख वाले पक्षी हवा में हल्का उड़ता है, वैसे ही फरिश्ता शरीर और मन के बोझ से परे हल्की रहती है।


2. तन और मन से मुक्त रहना

तन का बोझ नहीं:

  • वह शरीर से न्यारा हो गया है, तन की थकावट या दर्द का अनुभव नहीं।

  • मुरली 5 अप्रैल 1975 – “फरिश्ता शरीर में रहते हुए भी उसका भार, दर्द या थकान अनुभव नहीं करती।”

मन का बोझ नहीं:

  • मन स्थिर, चिंता और मोह से मुक्त।

  • साकार मुरली, 10 नवंबर 1969 – “फरिश्ता अपने मन को स्थिर रखती है और चिंता, मोह या तनाव का अनुभव नहीं करती।”

उदाहरण:
जैसे शांत पानी में प्रतिबिंब स्पष्ट दिखाई देता है, वैसे ही हल्का मन आत्मा को स्पष्ट दृष्टि और शांति देता है।


3. फरिश्ता सिद्धि की पहचान

मुख्य पहचान: तन और मन दोनों का बोझ ना होना।

मुरली उद्धरण:

  • अव्यक्त मुरली, 14 जून 1977 – “तन और मन दोनों का बोझ ना होना ही फरिश्ता की असली पहचान है।”

उदाहरण:
जैसे सूरज की किरणें अंधकार मिटा देती हैं और प्रकाश फैलाती हैं, वैसे ही फरिश्ता अपनी डबल लाइट से आत्माओं में शक्ति और शांति फैलाती है।


4. निष्कर्ष

फरिश्ता आत्मा की सबसे बड़ी विशेषता:

  • डबल लाइट होना – तन और मन दोनों से मुक्त।

  • हल्का, मुक्त और आनंदमय रहना।

  • शक्ति और शांति का स्त्रोत बनना।

उदाहरण:
जैसे दीपक और सूरज की किरणें अपने प्रकाश से वातावरण को रोशन करती हैं, वैसे ही डबल लाइट आत्मा अपनी हल्की और मुक्त अवस्था से दूसरों में सकारात्मक ऊर्जा फैलाती है।

1. प्रश्न: फरिश्ता आत्मा क्या होती है?
उत्तर: फरिश्ता वह आत्मा है जो देह और संबंध से परे, केवल परमात्मा और आत्मा के अनुभव में स्थित होती है। ऐसी आत्मा तन और मन के बोझ से पूरी तरह मुक्त होती है।
उदाहरण: जैसे दीपक बिना किसी बाधा के प्रकाश फैलाता है, वैसे ही फरिश्ता आत्मा अपनी डबल लाइट से शक्ति और शांति फैलाती है।


2. प्रश्न: डबल लाइट का अर्थ क्या है?
उत्तर: डबल लाइट का मतलब है:

  • तन का बोझ नहीं: शरीर का भार या थकान अनुभव नहीं होती।

  • मन का बोझ नहीं: चिंता, मोह, तनाव या समस्याओं का अनुभव नहीं होता।
    मुरली उद्धरण:

  • अव्यक्त मुरली, 21 जनवरी 1970 – “फरिश्ता हमेशा डबल लाइट होता है।”

  • 16 मार्च 1969 – “डबल लाइट का मतलब है आत्मिक, आत्मा शारीरिक और मानसिक दोनों रूपों से हल्की और मुक्त रहती है।”
    उदाहरण: जैसे पंख वाले पक्षी हवा में हल्का उड़ता है, वैसे ही फरिश्ता शरीर और मन के बोझ से परे हल्की रहती है।


3. प्रश्न: फरिश्ता कैसे तन और मन से मुक्त रहती है?
उत्तर:

  • तन का बोझ नहीं: शरीर से न्यारा, थकावट या दर्द का अनुभव नहीं।

    • मुरली उद्धरण, 5 अप्रैल 1975 – “फरिश्ता शरीर में रहते हुए भी उसका भार, दर्द या थकान अनुभव नहीं करती।”

  • मन का बोझ नहीं: मन स्थिर, चिंता और मोह से मुक्त।

    • साकार मुरली, 10 नवंबर 1969 – “फरिश्ता अपने मन को स्थिर रखती है और चिंता, मोह या तनाव का अनुभव नहीं करती।”
      उदाहरण: जैसे शांत पानी में प्रतिबिंब स्पष्ट दिखाई देता है, वैसे ही हल्का मन आत्मा को स्पष्ट दृष्टि और शांति देता है।


4. प्रश्न: फरिश्ता सिद्धि की मुख्य पहचान क्या है?
उत्तर: फरिश्ता की असली पहचान है तन और मन दोनों का बोझ ना होना।
मुरली उद्धरण: अव्यक्त मुरली, 14 जून 1977 – “तन और मन दोनों का बोझ ना होना ही फरिश्ता की असली पहचान है।”
उदाहरण: जैसे सूरज की किरणें अंधकार मिटा देती हैं और प्रकाश फैलाती हैं, वैसे ही फरिश्ता अपनी डबल लाइट से आत्माओं में शक्ति और शांति फैलाती है।


5. प्रश्न: डबल लाइट आत्मा का निष्कर्ष क्या है?
उत्तर: फरिश्ता आत्मा की सबसे बड़ी विशेषता डबल लाइट होना है – तन और मन दोनों से मुक्त। वह हल्की, मुक्त और आनंदमय रहती है और दूसरों में शक्ति और शांति का स्त्रोत बनती है।
उदाहरण: जैसे दीपक और सूरज की किरणें अपने प्रकाश से वातावरण को रोशन करती हैं, वैसे ही डबल लाइट आत्मा अपनी हल्की और मुक्त अवस्था से दूसरों में सकारात्मक ऊर्जा फैलाती है।

डिस्क्लेमर:

यह वीडियो ब्रह्माकुमारी बाबा के मुरली संदेशों पर आधारित है। यहां दी गई जानकारी आध्यात्मिक अध्ययन और प्रेरणा के उद्देश्य से साझा की गई है। कृपया इसे व्यक्तिगत सलाह या चिकित्सा मार्गदर्शन के रूप में न लें।

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