(89)Where does God live? Paramdham (the Supreme Abode) or Vaikuntha (the heavenly abode)?

(89)भगवान कहाॅं रहते हैं? परमधाम या वैकुण्ठ?

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“स्मृति स्वरूप बनो और पास विद ऑनर हो – आज की अव्यक्त मुरली का संदेश |”


1. प्रस्तावना

ओम् शान्ति।
आज अव्यक्त बापदादा का बेहद सशक्त संदेश है – “स्मृति स्वरूप, अनुभवी मूर्त बन सेकण्ड की तीव्रगति से परिवर्तन कर पास विद ऑनर बनो।”
यह संदेश हमें याद दिलाता है कि आत्मा की वास्तविक शक्ति उसकी स्मृति और अनुभव में छुपी हुई है।


2. स्मृति स्वरूप बनने का महत्व

बापदादा कहते हैं – जब तक आत्मा स्वयं को बार-बार स्मरण नहीं कराती, तब तक पुरानी आदतें और संस्कार उसे खींचते रहते हैं।
स्मृति स्वरूप बनना यानी:

  • स्वयं को आत्मा समझना

  • परमपिता परमात्मा से अटूट योग जोड़ना

  • अपने हर कर्म में ईश्वरीय स्मृति भर देना

याद का बल ही वह शक्ति है जो सेकण्ड में परिवर्तन ला सकता है।


3. अनुभवी मूर्त बनना

ज्ञान केवल सुनने या समझने की चीज़ नहीं है, बल्कि अनुभव करने की स्थिति है।
अनुभव की मूर्ति वह है:

  • जिसने ईश्वरीय गुणों को जीवन में धारण कर लिया हो

  • जो परिस्थितियों के बीच भी अडोल और निर्विकारी रह सके

  • जिसकी वाणी और कर्म दूसरों को अनुभव कराएँ कि यह आत्मा वास्तव में ईश्वरीय शक्ति से भरी हुई है।


4. सेकण्ड की तीव्रगति से परिवर्तन

संगमयुग का यह समय है सेकण्ड-सेकण्ड की क़ीमत समझने का।

  • यदि कोई कमजोरी है, तो तुरंत चेंज करें।

  • यदि कोई संकल्प व्यर्थ है, तो उसी पल रोक दें।

  • यदि कोई आलस्य या बहाना है, तो तुरंत जागरूक हो जाएँ।

यही तीव्र गति है जो हमें पास विद ऑनर बना सकती है।


5. पास विद ऑनर कैसे बनें?

बापदादा का स्पष्ट संदेश है – जो आत्मा स्मृति और अनुभव में स्थिर है, वही अंत समय में पास विद ऑनर होगी।
इसका अर्थ:

  • हर पेपर में सहजता से पास होना

  • किसी भी स्थिति में डिस्टर्ब न होना

  • परमात्मा के सामने अपना हिसाब-किताब क्लियर करना


6. निष्कर्ष

प्यारे भाइयों-बहनों, यह मुरली हमें बार-बार यही स्मरण कराती है कि अब समय बहुत कम है।
जो आत्माएँ स्मृति स्वरूप और अनुभवी मूर्त बन जाएँगी, वही सेकण्ड की तीव्रगति से परिवर्तन कर पास विद ऑनर बनेंगी।
तो आइए, आज से ही यह संकल्प लें कि हर संकल्प, हर कर्म और हर शब्द परमात्म स्मृति में हो।

स्मृति स्वरूप बनकर पास विद ऑनर

(प्रश्नोत्तर – 31 अगस्त 2025, प्रातः Murli आधारित)

प्रश्न 1: बापदादा ने आज की मुरली में बच्चों को कौन-सी विशेष पहचान दी?

उत्तर:बापदादा ने बच्चों को स्मृति स्वरूप, अनुभवी मूर्त बनने की पहचान दी। उन्होंने कहा कि स्मृति और अनुभव ही वह शक्ति है, जिससे आत्मा सेकण्ड में तीव्रगति से परिवर्तन कर सकती है और पास विद ऑनर बन सकती है।


प्रश्न 2: पास विद ऑनर बनने का सच्चा रहस्य क्या है?

उत्तर:पास विद ऑनर बनने का रहस्य है – हर स्थिति में बाबा की याद, स्मृति और अनुभूति को स्थिर रखना। यदि आत्मा हर क्षण यह अनुभव करती है कि “मैं बाबा की संतान हूँ, मैं मास्टर शक्तिशाली हूँ,” तो उसका जीवन स्वतः पास विद ऑनर बन जाता है।


प्रश्न 3: व्यर्थ और बेकार विचार क्यों बाधा बनते हैं?

उत्तर:क्योंकि व्यर्थ विचार आत्मा की शक्ति को नष्ट कर देते हैं। जिस प्रकार छोटे-छोटे छेद से बड़ा बर्तन खाली हो जाता है, उसी प्रकार व्यर्थ संकल्प आत्मा के संकल्प-शक्ति भंडार को कमजोर कर देते हैं।


प्रश्न 4: अनुभवी मूर्त बनने का अभ्यास कैसे किया जा सकता है?

उत्तर:अनुभवी मूर्त बनने के लिए –

  1. बार-बार स्मृति में रहना: “मैं आत्मा हूँ, यह शरीर मेरा साधन है।”

  2. हर कर्म करते समय बाबा की याद को जोड़ना।

  3. जीवन की हर परिस्थिति को परीक्षा न मानकर, अनुभव का अवसर मानना।
    इससे आत्मा को अनुभव के संस्कार जमा होते हैं और वह शक्तिशाली बनती है।


प्रश्न 5: पास विद ऑनर बनने वाले बच्चों की विशेषता क्या होती है?

उत्तर:उनकी विशेषता है – स्थिरता और निश्चिंतता। वे किसी भी स्थिति में परेशान नहीं होते, व्यर्थ में नहीं फँसते, और हर कार्य में सहज रीति से सफलता प्राप्त करते हैं।

Disclaimer

इस वीडियो का उद्देश्य केवल आध्यात्मिक शिक्षा और आत्मिक जागृति के लिए है।
यह ब्रह्माकुमारीज़ संस्था की दैनिक मुरली, ईश्वरीय ज्ञान और आध्यात्मिक साहित्य पर आधारित है।
इसका किसी भी प्रकार से व्यावसायिक, धार्मिक या व्यक्तिगत विवाद से कोई संबंध नहीं है।
वीडियो में साझा किए गए विचार शांति, पवित्रता और आत्मिक उत्थान के लिए हैं।

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