Eat, drink and be merry but stay within limits?

खाओ पियो माैज कराे परंतु मर्यादा मे रहो?

( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)

YouTube player

“खाओ, पियो, मौज करो – लेकिन मर्यादा में रहो”

 ओम् शांति।

आज का विषय है —
“खाओ, पियो, मौज करो।”

पहली नजर में यह विषय बहुत हल्का और मजाकिया लगता है,
लेकिन जब हम इसे गहराई से समझते हैं,
तो इसमें आत्मा के जीवन का एक गूढ़ और बेहद सुंदर संदेश छुपा हुआ है।


1. खाओ, पियो, मौज करो – लेकिन मर्यादा में रहो

बाबा बार-बार हमें एक सहज लेकिन गंभीर बात सिखाते हैं –
“खाओ, पियो, मौज करो – परंतु मर्यादा में रहो।”

 यह कोई तपस्वियों वाला जीवन नहीं है।
बाबा कहते हैं – कुछ त्यागने की ज़रूरत नहीं है,
बस मर्यादा में रहकर राजयोगी जीवन जीना है।

जैसे ही मर्यादा टूटती है,
आनंद की जगह दुःख और बंधन आ जाते हैं।
इसलिए मर्यादा बंधन नहीं, सुरक्षा चक्र है।


2. ब्रह्मा बाबा – मौज में रहने का आदर्श

ब्रह्मा बाबा का जीवन एक आदर्श उदाहरण है –
हंसमुख, सौम्य, संगीत और स्वाद से भरपूर,
लेकिन हर कार्य मर्यादा में।

16 जनवरी 2024 की मुरली:
“अच्छा रहन-सहन रखो, परंतु मर्यादा में रहो।”

ब्रह्मा बाबा ने स्वयं प्रैक्टिकल में दिखाया
कि जीवन में सुख और मौज हो सकती है –
बिना मर्यादा तोड़े।


3. “खाओ पियो” का मतलब नियंत्रण खोना नहीं

बाबा कहते हैं:
“ब्राह्मणों का भोजन और बोल – दोनों सतोगुणी होने चाहिए।”
(साकार मुरली – मई 2024)

अगर हम तामसी भोजन खाएं या तामसी बातें करें,
तो मौज नहीं, आत्मा पर दूषण होता है।

उदाहरण:
रेस कार को गलत पेट्रोल से चलाओ,
तो गाड़ी नहीं, इंजन खराब होता है।
वैसे ही आत्मा का ईंधन है –
सात्विक भोजन और शुभ संकल्प।


4. मर्यादा में रहना = रियल मौज

5 जून 2025 की मुरली:
“जो मर्यादा में रहते हैं, वही सच्चे राजयोगी हैं।”

 कोई कहे – “मुझे स्वतंत्रता चाहिए”,
और सारे नियम तोड़ दे –
तो वह सुख नहीं, दुख का बंदी बन जाता है।

पर जो आत्मा नियम में रहती है,
उसकी बुद्धि निश्चिंत और शांत रहती है।

मर्यादा = गिरने से बचाने वाली रेलिंग।
जो जीवन को संयम और संतुलन देती है।


5. सच्ची मौज = साक्षी भाव में जीना

12 अप्रैल 2025 की मुरली:
“जो साक्षी बन खेल देखते हैं, वही सच्चे मौज में रहते हैं।”

साक्षी भाव = जो हो रहा है, वह ड्रामा अनुसार हो रहा है –
इस भाव में रहना।

 हर परिस्थिति में बाबा को याद करना,
और कहना –
“बाबा, यह भी तेरी लीला है।”

भक्ति मार्ग का सूत्र: वरी-हरि-करी
= सब कुछ बाबा को अर्पण कर दो।


6. छोटी-छोटी मर्यादा टूटती है कब?

14 मार्च 2025 की मुरली:
“भाषा की भी मर्यादा है, व्यवहार की भी।”

उदाहरण:

  • अधिक बोलना → शब्दों की मर्यादा टूटती है।

  • सोशल मीडिया का दुरुपयोग → समय की मर्यादा टूटती है।

  • निंदा या आलोचना → व्यवहार की मर्यादा टूटती है।

 यही छोटी बातें आत्मा को भारी कर देती हैं।
इसलिए हर क्षेत्र में मर्यादा जरूरी है


 जीवन का राजयोगी सूत्र

 खाओ – लेकिन सात्विक
 पियो – लेकिन मर्यादा में
 रचना नहीं, रचयिता को याद करो
 मौज करो – लेकिन साक्षी होकर
 और हर काम करो – लेकिन श्रीमत के अनुसार

 यही है –
“राजयोगी जीवन का आनंदमय रहस्य।”

ओम् शांति।

 “खाओ, पियो, मौज करो – परंतु मर्यादा में रहो | Brahma Kumaris Rajyog 

प्रश्नोत्तर शृंखला

“खाओ, पियो, मौज करो – लेकिन मर्यादा में रहो”

Brahma Kumaris Rajyog Q&A Series


प्रश्न 1: क्या ब्रह्माकुमारियों में खाना-पीना मना है?

उत्तर:नहीं। बाबा कहते हैं – “खाओ, पियो, मौज करो – परंतु मर्यादा में रहो।”
यह कोई तपस्वियों का मार्ग नहीं है।
हमें सिर्फ सात्विकता और संयम के साथ जीना है।


प्रश्न 2: मर्यादा में रहना क्यों जरूरी है?

उत्तर:क्योंकि मर्यादा कोई बंधन नहीं, बल्कि सुरक्षा चक्र है।
मर्यादा हमें अंदर से निश्चिंत और शुद्ध बनाती है।
मर्यादा टूटती है, तो आनंद की जगह अशांति आ जाती है।


प्रश्न 3: ब्रह्मा बाबा ने जीवन में मौज कैसे रखी?

उत्तर:ब्रह्मा बाबा का जीवन हंसमुख, संगीतपूर्ण और स्वादिष्ट भोजन से भरपूर था।
परंतु – हर कार्य ब्राह्मण मर्यादाओं में था।
16 जनवरी 2024 की मुरली में बाबा कहते हैं:
“रहन-सहन अच्छा हो, परंतु मर्यादा में हो।”


प्रश्न 4: “खाओ, पियो” का मतलब क्या हर चीज़ का उपभोग करना है?

उत्तर:बिलकुल नहीं।
बाबा कहते हैं – “भोजन और बोल – दोनों सतोगुणी होने चाहिए।”
तामसी भोजन आत्मा को भारी करता है।
जैसे गाड़ी में गलत ईंधन डालने से इंजन खराब हो जाता है,
वैसे ही आत्मा को तामसी भोजन दूषित करता है।


प्रश्न 5: असली मौज किसे कहते हैं?

उत्तर:मर्यादा में रहकर जीना ही असली मौज है।
5 जून 2025 की मुरली:
“जो मर्यादा में रहते हैं, वही सच्चे राजयोगी हैं।”
मर्यादा जीवन को संतुलन, गरिमा और आंतरिक आनंद देती है।


प्रश्न 6: क्या साक्षी भाव भी मौज है?

उत्तर:हाँ। 12 अप्रैल 2025 की मुरली:
“जो साक्षी बन खेल देखते हैं, वही सच्चे मौज में रहते हैं।”
साक्षी बनकर हम किसी भी परिस्थिति को शांत चित्त से पार कर सकते हैं।


प्रश्न 7: मर्यादा कैसे टूटती है?

उत्तर:मर्यादा बड़ी-बड़ी चीजों से नहीं, बल्कि छोटी-छोटी बातों से टूटती है:

  • अधिक बोलना → शब्दों की मर्यादा टूटना

  • सोशल मीडिया पर समय बर्बाद करना → बुद्धि की मर्यादा टूटना

  • निंदा करना → व्यवहार की मर्यादा टूटना
    14 मार्च 2025 की मुरली:
    “भाषा की भी मर्यादा है, व्यवहार की भी।”


प्रश्न 8: राजयोगी जीवन का मूल मंत्र क्या है?

उत्तर:
खाओ – लेकिन सात्विक।
पियो – लेकिन श्रीमत अनुसार।
मौज करो – लेकिन साक्षी भाव में।
हर कार्य करो – लेकिन मर्यादा में रहकर।
यही है – “राजयोगी जीवन का आनंदमय रहस्य।”

खाओ_पियो_मौज_करो, संयम_में_रहो, ब्रह्माकुमारियां, ब्रह्माकुमारियां, बीकेस्पीचहिंदी, राजयोगस्पीच, आध्यात्मिकअनुशासन, सात्विक_जीवन, प्रतिबंध_का_जीवन, वैज्ञानिक_भाव, आत्मिक_मौज, ब्रह्मा_बाबा, बीकेमुरलीपॉइंट्स, बीकेमोटिवेशन, हिंदीस्पिरिटुअलटॉक, राजयोगलाइफस्टाइल, स्पिरिटुअलविजडमहिंदी, गॉडलीमैसेज, शिवबाबाज्ञान, जीवन_का_संतुलन, संयम_और_मस्ती, भक्तिमार्ग_से_ज्ञानमार्ग, बीकेराजयोग, बीकेमुरलीहिंदी, सात्विकफूड, आत्मा_का_इंधन, ओम_शांति,

Eat, drink and have fun, stay within limits, Brahma Kumaris, BrahmaKumaris, BKSpeechHindi, RajyogSpeech, SpiritualDiscipline, Satvik Life, Life of Dignity, Witness Feeling, Spiritual Fun, Brahma Baba, BKMurliPoints, BKMotivation, HindiSpiritualTalk, RajyogLifestyle, SpiritualWisdomHindi, GodlyMessage, ShivBabaGyan, Balance of Life, Restraint and Fun, From Path of Devotion to Path of Knowledge, BKRajyog, BKMurliHindi, SatvikFood, Fuel for the Soul, Om Shanti,