(10)The mystery of the cemetery vampire. Do spirits really haunt the cemetery?

भूत ,प्रेत:-(10)शमशान पिशाच का रहस्य। क्या आत्माएं सचमुच शमशान में भटकती हैं?

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हम भूत, प्रेत, पिशाच आदि के बारे में अध्ययन कर रहे हैं। आज दसवां विषय: शमशान पिशाच का रहस्य।

क्या आत्माएं सचमुच शमशान में भटकती हैं?

शमशान पिशाच का आध्यात्मिक रहस्य

बहुतों को डर लगता है शमशान, कब्रिस्तान या रात के अंधेरे से। कहते हैं या वहां पिशाच या भूत-प्रेत रहते हैं। पर क्या यह सच में डराने वाले जीव हैं या केवल हमारी मानसिक ऊर्जा का प्रतिबिंब?

गुड़गावा के शमशान भूमि में पहले दिन मैं बाबा के कहने पर गया कि श्मशान में जाओ। पहले दिन गया वहां कोई भी दिखाई नहीं दिया। मैं अंदर चला गया, पर डर भी लग रहा था कि कहीं से कोई निकल ना आए। बहुत आगे जाने के बाद एक लड़का दिखाई दिया तो मैंने उससे पूछा कौन है। वह कहता है मैं हूं। उस लड़के को देखकर मुझे पहली बार डर लगा।

फिर रोज़ आना-जाना हुआ। रात को भी जाने लगे। तो डर लगता है, सबके दिमाग में बैठा हुआ है कि श्मशान में नहीं जाना है। यह हमारी मानसिक ऊर्जा का प्रतिबिंब है और हमारे मन के अंदर एक भय बैठा हुआ है कि शमशान के अंदर आत्माएं होती हैं, भूत होते हैं। श्मशान में हम केवल डेड बॉडी को ले जाते हैं। जब आत्मा उसके शरीर से निकल गई होती है, तब हम शरीर को वहां ले जाते हैं। तो आत्माएं वहां क्या करेंगी?

हमारे शहर का श्मशान भूमि चारों तरफ घरों में घिरा है। घरों की छतों से रोजाना जलते हुए शरीर को देखा जा सकता है। जिनके घर की दीवार श्मशान के पास है, उन्हें डर नहीं लगता।

तो हमें समझ में आया कि एक मानसिक डर होता है। जिन लोगों ने हॉरर फिल्में देखी हैं, श्मशान पिशाच की कहानियां सुनी हैं, उनके दिमाग में डर बैठ जाता है।

श्मशान पिशाच क्या होता है?
श्मशान पिशाच शब्द का अर्थ है श्मशान क्षेत्र की नकारात्मक ऊर्जा। वास्तव में यह कोई अलग जीव नहीं है, बल्कि अशांत आत्माओं की मानसिक तरंगें हैं।

अशांत आत्माओं में जो वहां जाता है, वह स्वयं ही अशांत है। उसकी ही तरंगे उसे दुख दे रही होती हैं। आत्माएं भी आ सकती हैं, जब कोई आत्मा शरीर छोड़ती है और अभी भी मोह या क्रोध से मुक्त नहीं हुई है। विकारों से मुक्त नहीं हुई है, तो उसकी ऊर्जा वहीं पर कंपन करती रहती है।

हमारी कुछ मशीनें डिटेक्टर्स हैं जो आत्मा की ऊर्जा को कैच करके बता सकती हैं कि आत्मा कहां है।

अब वहां आत्मा क्यों आई है? कैसे आई है? यह हम अपने कर्म अनुसार जानते हैं। जैसे कोई व्यक्ति किसी स्थान पर दुख या हिंसा से मरा हो, तो वहां उसकी भावनात्मक छाप वाइब्रेशन बनी रहती है। लोग उसे पिशाच समझ लेते हैं।

श्मशान पिशाच श्मशान या कब्रिस्तान में रहते हैं। यह वही स्थान हैं जहां आत्माएं शरीर से अलग होकर गुजरती हैं। उनकी मानसिक स्थिति और भावनाएं वहां की ऊर्जा तरंगों में दर्ज हो जाती हैं।

जो आत्माएं मोह, आसक्ति या अधूरे कर्मों में फंसी होती हैं, वह शांति ना मिलने तक वही विचरण करती रहती हैं। यह विचरण उनका कार्मिक अकाउंट पूरा करने का हिस्सा है।

बाबा कहते हैं:
बच्चे, आत्मा जब तक अपने घर परमधाम नहीं जाती, तब तक भटकती रहती है। भटकना अज्ञान का परिणाम है। अज्ञानता का अर्थ है कि आत्मा को पता नहीं होता कि उसे क्या करना है, कहां जाना है। ज्ञान के अनुसार हर आत्मा एक्यूरेट टाइम पर एक्यूरेट प्लेस पर अपने एक्ट प्ले करने के लिए पहुंचती है।

क्या श्मशान पिशाच हमेशा खतरनाक होते हैं?
नहीं। हर ऊर्जा खतरनाक नहीं होती। अगर मन शुद्ध, निडर और योग युक्त है तो कोई भी नकारात्मक शक्ति कुछ नहीं कर सकती। भय केवल तब काम करता है जब मन में अज्ञान और असुरक्षा हो।

शमशान पिशाच से सुरक्षित रहने के उपाय:

  • मन में निडरता और पवित्रता रखो।

  • घर में राजयोग और शिव बाबा की याद का वातावरण बनाओ।

  • ज्ञान का दीपक जलाओ।

जहां बाबा की याद का प्रकाश है, वहां अंधकार की कोई सत्ता नहीं चलती। योगी आत्मा की आभा ही उसकी सुरक्षा है।

श्मशान पिशाच आत्माओं या मरे लोगों से जुड़े होते हैं?
हाँ, यह वही आत्माएं होती हैं जो अपनी यात्रा अधूरी छोड़ गई हैं। उनका कार्मिक अकाउंट पूरा नहीं हुआ। उनका संबंध शरीर से नहीं परंतु उनके संचित संस्कारों से होता है। जब तक आत्माएं जागरूक नहीं बनती, उनका अनुभव नकारात्मक प्रतीत होता है।

मुरली अनुसार:
जब आत्मा शरीर चेतना से नहीं निकल पाती, तब वह भटकती है। ज्ञान का प्रकाश उसे मुक्ति दिलाता है।

श्मशान पिशाच की उपस्थिति में कैसे रहें?
भय मत करो। स्मृति बढ़ाओ। राजयोग में बैठकर उस स्थान को शिव शक्ति की रोशनी से भर दो। शांति की शक्तिशाली किरणें भेजो। आत्मा को याद दिलाओ कि उसका घर परमधाम है।

बाबा कहते हैं:
बच्चे, आत्माओं को भय नहीं, दुआएं दो। छोटे बच्चों को डराओ नहीं। तुम्हारी स्मृति ही मुक्ति का माध्यम है। जब तुम परमात्मा की याद में रहोगे और उनकी श्रीमत पर चलोगे, उतना सहज मुक्ति प्राप्त कर सकते हो।

निष्कर्ष:
श्मशान पिशाच कोई डराने वाली बात नहीं है। यह हमें याद दिलाता है कि आत्मा को ज्ञान और योग की शांति चाहिए। जब आत्मा अपनी वास्तविक पहचान लेती है, तो श्मशान भी शांति स्थान बन जाता है।