प्रत्यक्षता-पदम(153)समय के प्रमाण-शत्कि रूप का प्रभाव
( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)

🔥 समय के प्रमाण – शक्ति रूप का प्रभाव! 🔥
“अब अपने शक्ति स्वरूप का प्रभाव संपूर्ण विश्व पर डालने का समय आ गया है!”
💪 शक्ति स्वरूप को जागृत करो!
✅ समय की समीपता का प्रमाण यह है कि अब स्वयं को शक्ति रूप में प्रकट करना होगा।
✅ अभी अपने शक्ति स्वरूप का प्रभाव दूसरों पर डालोगे, तभी अंतिम प्रत्यक्षता को समीप ला सकोगे।
✅ अब अपनी श्रेष्ठता का झंडा लहराने का समय है!
🌟 तपस्या द्वारा जो प्राप्तियाँ हो रही हैं, उन्हें अपने जीवन, अपने संबंध-सम्पर्क और अपने चेहरे के तेज द्वारा प्रत्यक्ष करो।
🌍 पहले स्वयं में प्रत्यक्षता, फिर विश्व में!
🛑 पहले स्वयं शक्ति स्वरूप बनो।
🛑 फिर अपने संबंध-सम्पर्क में शक्ति का प्रभाव दिखाओ।
🛑 इसके बाद विश्व की स्टेज पर प्रत्यक्ष होंगे।
🔔 फिर प्रत्यक्षता का नगाड़ा बजेगा!
🌪️ विश्व परिवर्तन और प्रकृति का नृत्य!
🔆 शास्त्रों में दिखाया गया है कि जब शंकर ने नेत्र खोले, तो विश्व परिवर्तन हुआ!
🔆 ऐसे ही जब संकल्पों की सम्पूर्ण स्थिति बनेगी, तब प्रकृति हलचल में आएगी।
🔆 आप अचल होंगे, और प्रकृति हलचल करेगी।
🌊 वायु, धरती, समुद्र, जल – यही इस संसार की सफाई करेंगे!
🔥 अब सम्पूर्णता की स्थिति बनाओ! 🔥
🌟 तपस्या द्वारा अपनी शक्ति को जागृत करो।
🌟 सम्पूर्णता की स्थिति धारण करो।
🌟 तब ही अंतिम प्रत्यक्षता होगी और स्वर्णिम युग का द्वार खुलेगा।
🔔 अब समय आ गया है – अपने शक्ति स्वरूप को पहचानो और विश्व पर प्रभाव डालो! 🔔
🔥 समय के प्रमाण – शक्ति रूप का प्रभाव! 🔥
❓ प्रश्न: समय की समीपता का मुख्य प्रमाण क्या है?
✅ उत्तर: समय की समीपता का प्रमाण यह है कि अब आत्माओं को अपने शक्ति स्वरूप को प्रकट करना होगा और उसका प्रभाव संपूर्ण विश्व पर डालना होगा।
❓ प्रश्न: शक्ति स्वरूप को जागृत करने के लिए क्या करना आवश्यक है?
✅ उत्तर: शक्ति स्वरूप को जागृत करने के लिए श्रेष्ठ तपस्या करनी होगी, अपने जीवन में दिव्यता लानी होगी और अपने संबंधों व चेहरे के तेज से उसे प्रत्यक्ष करना होगा।
❓ प्रश्न: प्रत्यक्षता की प्रक्रिया किस क्रम में होगी?
✅ उत्तर: पहले स्वयं में प्रत्यक्षता होगी, फिर अपने संबंधों में शक्ति का प्रभाव दिखेगा, और अंत में विश्व की स्टेज पर आत्माएँ प्रत्यक्ष होंगी।
❓ प्रश्न: विश्व परिवर्तन के दौरान प्रकृति की क्या भूमिका होगी?
✅ उत्तर: जैसे शास्त्रों में शंकर के नेत्र खोलने से परिवर्तन दिखाया गया है, वैसे ही जब आत्माएँ संकल्पों की सम्पूर्ण स्थिति धारण करेंगी, तब प्रकृति हलचल में आएगी और वायु, धरती, समुद्र व जल इस संसार की सफाई करेंगे।
❓ प्रश्न: अचल स्थिति में रहने का क्या लाभ होगा?
✅ उत्तर: जब आत्माएँ अचल रहेंगी, तो प्रकृति अपने आप परिवर्तन करेगी, जिससे नए युग की स्थापना सहज हो जाएगी।
❓ प्रश्न: स्वर्णिम युग का द्वार खोलने के लिए क्या करना होगा?
✅ उत्तर: तपस्या द्वारा अपनी शक्ति को जागृत करना, सम्पूर्णता की स्थिति धारण करना और अपने शक्ति स्वरूप को पहचानकर विश्व पर प्रभाव डालना आवश्यक होगा।
🔔 अब समय आ गया है – शक्ति स्वरूप को पहचानो और अंतिम प्रत्यक्षता को समीप लाओ! 🔔