Pratyaksha-padam(152) The final fair – celebration of equality

प्रत्यक्षता-पदम(152)अंतिम मेला-समानता का उत्सव

( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)

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🎇 अंतिम मेला – समानता का उत्सव! 🎇

“जब बाप समान बनेंगे, तब संगमयुग का अंतिम मेला लगेगा!”


🌟 जब समानता का मेला लगेगा…! 🌟

➡️ बाप के संस्कार – बाप के गुण – बाप की स्पीड – बाप की स्थिति
जब इन सभी में समानता का मेला लगेगा, तब संगमयुग का अंतिम मेला होगा।

🔥 यह समानता ही विनाश को समीप लाएगी।

💫 जब सभी आत्माएँ इस समानता के मेले में शामिल होंगी, तब चारों ओर जयजयकार होगी!


🕊️ अंतिम मेले के बाद अति शांति! 🕊️

🛑 मेला पूरा होते ही – एक अद्भुत अति शांति का समय आएगा।
🛑 फिर सभी आत्माएँ वानप्रस्थ में चली जाएँगी।
🛑 वानप्रस्थ यानी कर्मातीत स्थिति।

💡 समानता का मेला = विनाश के बाद शांति की स्थिति।

🌿 जब सब आत्माएँ पूर्ण रूप से शुद्ध और निर्विकारी बन जाएँगी, तब यह दुनिया नए युग में प्रवेश करेगी।


🚀 अब अंतिम तैयारी करें! 🚀

बाप समान बनो।
अपने संस्कार, गुण और स्थिति को बाप जैसा बनाओ।
अव्यक्त, निराकारी स्थिति को प्राप्त करो।

🌎 जब यह संगमयुग का अंतिम मेला पूरा होगा, तब इस दुनिया का नया अध्याय शुरू होगा!

🔔 अब वह समय दूर नहीं – तैयार हो जाओ! 🔔

🎇 अंतिम मेला – समानता का उत्सव! 🎇

प्रश्न और उत्तर

🔹 प्रश्न 1: संगमयुग का अंतिम मेला कब लगेगा?
उत्तर: जब सभी आत्माएँ बाप समान बन जाएँगी – यानी बाप के संस्कार, गुण, स्पीड और स्थिति में समानता आ जाएगी, तब संगमयुग का अंतिम मेला लगेगा।

🔹 प्रश्न 2: समानता का मेला किसका संकेतक है?
उत्तर: समानता का मेला विनाश के समीप आने का संकेतक है। जब सभी आत्माएँ इस मेले में सम्मिलित होंगी, तब चारों ओर जय-जयकार होगी और फिर इस सृष्टि का परिवर्तन होगा।

🔹 प्रश्न 3: अंतिम मेले के बाद कौन-सी स्थिति आएगी?
उत्तर: अंतिम मेले के बाद अति शांति का समय आएगा। तब सभी आत्माएँ वानप्रस्थ यानी कर्मातीत स्थिति में प्रवेश कर जाएँगी, और फिर दुनिया नए युग में प्रवेश करेगी।

🔹 प्रश्न 4: वानप्रस्थ अवस्था का क्या अर्थ है?
उत्तर: वानप्रस्थ अवस्था का अर्थ है पूर्ण शुद्ध और निर्विकारी बनना, जहाँ आत्मा अपनी अव्यक्त और निराकारी स्थिति को प्राप्त कर लेती है।

🔹 प्रश्न 5: अंतिम तैयारी के रूप में हमें क्या करना चाहिए?
उत्तर: हमें बाप समान बनना है, अपने संस्कार, गुण और स्थिति को बाप जैसा बनाना है और अव्यक्त, निराकारी स्थिति को प्राप्त करना है, ताकि जब अंतिम मेला पूरा हो, तब हम नए युग में प्रवेश कर सकें।

🔔 अब वह समय दूर नहीं – तैयार हो जाओ! 🔔 🚀

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