(28)What is the purpose of Sri Krishna’s birth at the time of destruction?

(28)विनाश के समय श्री कृष्ण के जन्म का उद्देश्य क्या है?

( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)

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🌸 श्रीकृष्ण का जन्म और सृष्टि परिवर्तन का रहस्य | 

आज हम एक बेहद रोचक और गूढ़ प्रश्न को समझने वाले हैं —
“विनाश के समय श्रीकृष्ण का जन्म क्यों होता है?”
क्या वह सच में पीपल के पत्ते पर अंगूठा चूसते हुए आते हैं?
या इसके पीछे कोई और गहरा राज़ है?

🌍 1. ‘विनाश’ या ‘परिवर्तन’?
ज्ञान कहता है कि हम जिसे ‘विनाश’ कहते हैं,
वह वास्तव में एक ‘महान परिवर्तन’ है।
सृष्टि का नाश नहीं होता — वह पुनः नई बनती है।
आज जो दुनिया हमें अस्थिर, अशुद्ध और संघर्षपूर्ण दिखती है —
वह बदलकर एक दिव्य, पवित्र और शांतिमय दुनिया बन जाएगी।
इसलिए हम कहते हैं —
“विनाश नहीं, यह तो परिवर्तन है।”

🌟 2. परिवर्तन कैसा होगा?
यह परिवर्तन इतना गहरा होगा कि
हर तत्व, हर आत्मा, हर स्थिति
अपनी शुद्धतम अवस्था में पहुंच जाएगी।
लेकिन एक प्रश्न उठता है —
अगर सभी आत्माएं पवित्र होंगी,
तो पहला बच्चा कैसे जन्म लेगा?

👶 3. श्रीकृष्ण का आगमन कैसे होगा?
ज्ञान कहता है —
श्रीकृष्ण पीपल के पत्ते पर तैरते हुए अचानक प्रकट नहीं होंगे।
बल्कि, वह एक आत्मा है जो पहले जन्म लेगी,
फिर धीरे-धीरे युवा अवस्था तक पहुंचेगी।
और जब यह सृष्टि स्वर्ग जैसी बन जाएगी,
तब वह आत्मा सभी आत्माओं के साथ
अपने पूर्व निर्धारित दिव्य शरीर को धारण करेगी।

💫 4. क्या करती है?
जो आत्माएं 100% पवित्र बनने वाली हैं,
वे एडवांस पार्टी के पास जन्म लेती हैं।
वे पहले से तैयार होती हैं —
ताकि जब पूरी दुनिया शुद्ध हो जाए,
तो वे आत्माएं अपने शरीर पहनकर पुनः अवतरित हो जाएं।
इस प्रकार, सतयुग की रचना होती है।

🌸 5. स्थापना, विनाश और पालना का चक्र:
ब्रह्मा कुमारियों के ज्ञान में यह प्रक्रिया स्पष्ट बताई गई है —
पहले स्थापना होती है,
फिर पुरानी दुनिया का परिवर्तन (विनाश) होता है,
और फिर नई दुनिया की पालना होती है।तो श्रीकृष्ण का जन्म स्वर्ग की शुरुआत का प्रतीक है।
और यह सब होता है बहुत ही सिस्टमैटिक व दिव्य प्रक्रिया के तहत।
कोई चमत्कार नहीं — बल्कि यह है आत्मा की यात्रा और सृष्टि की नयी शुरुआत।

🌸 श्रीकृष्ण का जन्म और सृष्टि परिवर्तन का रहस्य | प्रश्नोत्तर शैली में ब्रह्मा कुमारियों का दृष्टिकोण


प्रश्न 1: विनाश के समय श्रीकृष्ण का जन्म क्यों होता है?

🔹 उत्तर:श्रीकृष्ण का जन्म विनाश के बाद आरंभ होने वाली नई दुनिया — सतयुग का प्रतीक है।
वह “आखिरी नहीं, बल्कि नई शुरुआत” का प्रतिनिधित्व करते हैं।
यह जन्म कोई चमत्कारिक दृश्य नहीं, बल्कि आत्मा की एक व्यवस्थित यात्रा का हिस्सा है।


प्रश्न 2: क्या सृष्टि का वास्तव में विनाश होता है?

🔹 उत्तर:ब्रह्मा कुमारियों के ज्ञान में इसे ‘विनाश’ नहीं, बल्कि ‘परिवर्तन’ कहा गया है।
दुनिया समाप्त नहीं होती, बल्कि पुरानी दुनिया बदलकर नई बनती है
जैसे रात्रि के बाद सुबह आती है।


प्रश्न 3: यह परिवर्तन कैसा होता है?

🔹 उत्तर:यह परिवर्तन सिर्फ भौतिक स्तर पर नहीं, बल्कि
आत्मा, प्रकृति और तत्वों की शुद्धता तक होता है।
हर आत्मा अपनी पवित्रतम स्थिति में पहुँचती है।


प्रश्न 4: अगर सब कुछ शुद्ध हो गया, तो पहला बच्चा कैसे जन्म लेगा?

🔹 उत्तर:यह गूढ़ प्रश्न है।
श्रीकृष्ण जैसे दिव्य आत्मा पहले ही जन्म लेती है,
फिर धीरे-धीरे युवा अवस्था प्राप्त करती है —
ताकि जब स्वर्ग की स्थापना पूर्ण हो,
तो वह आत्मा दिव्य शरीर धारण कर सके


प्रश्न 5: श्रीकृष्ण का जन्म कैसे होता है?

🔹 उत्तर:श्रीकृष्ण कोई अचानक आकाश से टपकने वाली आत्मा नहीं हैं।
बल्कि वह एक आत्मा है जो पहले से ही
एडवांस स्टेज में आती है,
और जब सृष्टि स्वर्गमय हो जाती है,
तो वह आत्मा अपने दिव्य स्वरूप में पुनः प्रकट होती है।


प्रश्न 6: एडवांस पार्टी किसे कहते हैं और उनका क्या कार्य है?

🔹 उत्तर:एडवांस पार्टी वे आत्माएं हैं जो 100% पवित्र बनकर
पहले से जन्म लेती हैं।
वे नई दुनिया की स्थापना में सहयोगी होती हैं।
बाद में वे अपनी आत्मिक स्मृति में आकर
अपने दिव्य शरीर को धारण करती हैं।


प्रश्न 7: स्थापना, विनाश और पालना – यह चक्र कैसे चलता है?

🔹 उत्तर:ब्रह्मा कुमारियों के अनुसार:

  • स्थापना: सत्य धर्म की स्थापना

  • विनाश (परिवर्तन): पुरानी दुनिया की समाप्ति

  • पालना: नई, पवित्र दुनिया की रचना व संचालन
    यह पूरा चक्र एक दिव्य नाट्य की तरह दोहराया जाता है।


🙏 निष्कर्ष:श्रीकृष्ण का जन्म एक गूढ़ आध्यात्मिक प्रक्रिया का भाग है,
ना कि कोई चमत्कार।
यह ज्ञान हमें सिखाता है कि —
“स्वर्ग पहले से रचा जाता है, और श्रीकृष्ण उसका पहला सितारा होते हैं।”

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