एडवान्स पार्टी के गुलदस्ते फूल {18}
( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)
आज हम एक विशेष दिव्य प्रसंग को याद करते हैं, जो 18 जनवरी 1997 को बापदादा के साकार अवतरण के दिन घटा।
यह प्रसंग न केवल भावनात्मक है, बल्कि एडवांस पार्टी के रहस्यों को और अधिक स्पष्ट करता है।
1. विषय की भूमिका — कौन हैं एडवांस पार्टी के गुलदस्ते के फूल?
बाबा ने समय-समय पर एडवांस पार्टी के बारे में कई रहस्य खोले हैं।
आज का विषय है — “एडवांस पार्टी के गुलदस्ते के फूल”।
ये वे दिव्य आत्माएँ हैं जो सेवा में निरंतर संकल्पशील हैं — भले ही दृश्य रूप में नहीं दिखतीं।
2. 18 जनवरी 1997 की दिव्य घटना
सुबह 7:30 बजे, लंदन की शैली बहन ने ग्लोबल हॉस्पिटल, माउंट आबू में शरीर छोड़ा।
यह समाचार उसी समय बापदादा को सुनाया गया, जब वे मुरली सुना रहे थे।
बाबा ने तुरंत मुरली में उस पर संदेश दिया — यह दिखाता है कि ड्रामा कितना सटीक चलता है।
3. गुलदस्ते में भिन्न-भिन्न फूलों की आवश्यकता
बाबा कहते हैं —
“फर्नेस भी चाहिए, गुलाब भी चाहिए, चमेली भी चाहिए।”
हर आत्मा का एक विशिष्ट पार्ट होता है।
एडवांस पार्टी में सभी प्रकार की शक्तिशाली आत्माएँ संलग्न होती हैं —
जो वाइब्रेशन से कार्य कर सकें, जो साइलेंस से सेवा करें।
4. सेवा में जाना — न कि दुनिया से जाना
बाबा ने यह शब्द विशेष रूप से कहे —
“यह जाना नहीं है, यह सेवा में आना है।”
जब कोई आत्मा देह छोड़ती है लेकिन अपनी सतोप्रधान स्थिति से दृश्य-अदृश्य सेवा में आगे बढ़ती है, तो वह वास्तव में एडवांस पार्टी की सदस्य बन जाती है।
5. वैराग्य का निमित्त — Collective Transformation
इस दिव्य घटना ने अनेक आत्माओं को बेहद का वैराग्य दिलाया।
इतनी बड़ी सभा से जाना, ये कोई सामान्य बात नहीं।
यह बेहद के मेले में बेहद का पाठ बजाने के समान है।
6. भिन्न-भिन्न ड्रेस से, भिन्न-भिन्न पार्ट
बाबा ने कहा —
“वह गई नहीं है, सिर्फ ड्रेस बदली है।”
हर आत्मा ड्रामा के अनुसार अपना पार्ट लेती है —
एक दृश्य में मंच पर होती है, दूसरे में पर्दे के पीछे सेवा कर रही होती है।
7. बापदादा की तात्कालिक प्रतिक्रिया
उसी क्षण बाबा को जब यह समाचार सुनाया गया,
तो बाबा ने बिना विलंब के मुरली में इसे जोड़कर संदेश दे दिया।
यह प्रमाण है कि बाबा हर आत्मा के स्मृति स्वरूप को यथार्थ में देखते हैं।
8. निष्कर्ष — गुलदस्ता सजता जा रहा है
हर वह आत्मा, जो सरेंडर, साइलेंस, सेवा और संकल्प के पथ पर चल रही है —
वह एडवांस पार्टी के गुलदस्ते का सुंदर फूल बनती जा रही है।
18 जनवरी 1997 की दिव्य घटना और एडवांस पार्टी के गुलदस्ते के फूल
प्रश्न 1: 18 जनवरी 1997 की विशेषता क्या है?
उत्तर:यह वह पावन दिन है जब बापदादा अव्यक्त रूप में ब्रह्मा बाबा के माध्यम से मुरली सुनाते हैं।
उसी दिन, लंदन की शैली बहन ने सुबह 7:30 बजे ग्लोबल हॉस्पिटल, माउंट आबू में शरीर छोड़ा।
यह समाचार उसी समय बापदादा को सुनाया गया, और बाबा ने तत्काल मुरली में इसका उल्लेख किया।
इससे सिद्ध होता है कि ड्रामा कितना सटीक और पूर्व-निर्धारित होता है।
प्रश्न 2: ‘एडवांस पार्टी के गुलदस्ते के फूल’ का क्या अर्थ है?
उत्तर:यह उपमा उन दिव्य आत्माओं की है जो देह छोड़ने के बाद भी
बापदादा की सेवा में संकल्प, वाइब्रेशन और साइलेंस के माध्यम से कार्य करती हैं।
वे दृश्य में नहीं, परंतु अदृश्य रूप में अत्यंत प्रभावशाली सेवा में लगी रहती हैं।
बाबा ने इन्हें “गुलदस्ते के फूल” कहा है।
प्रश्न 3: बाबा ने एडवांस पार्टी के बारे में क्या रहस्य खोले हैं?
उत्तर:बाबा ने कहा —
“एडवांस पार्टी में फर्नेस भी चाहिए, गुलाब भी चाहिए, चमेली भी चाहिए।”
यानी हर आत्मा की भूमिका अलग है।
कोई तपस्वी है, कोई विचारशील, कोई त्यागी।
यह सब मिलकर बापदादा का सेवा-गुलदस्ता बनाते हैं।
प्रश्न 4: क्या देह छोड़ना ‘जाना’ कहलाता है?
उत्तर:नहीं।
बाबा स्पष्ट कहते हैं —
“यह जाना नहीं, सेवा में आना है।”
जिस आत्मा ने पुराना शरीर छोड़ा है, वह एडवांस पार्टी में जाकर
सतोप्रधान स्थिति से सेवा के नए रूप में प्रवेश करती है।
प्रश्न 5: इस घटना से क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर:इस दिव्य और अकाल मृत्यु-रहित घटना ने अनेक ब्राह्मण आत्माओं को
बेहद का वैराग्य दिलाया।
इतनी बड़ी सभा से सहज और साइलेंट रूप से जाना,
यह कोई साधारण कर्म नहीं — बल्कि बेहद की सेवा है।
प्रश्न 6: बाबा ने ‘ड्रेस बदलने’ की बात क्यों कही?
उत्तर:बाबा ने कहा —
“वह गई नहीं है, सिर्फ ड्रेस बदली है।”
हर आत्मा ड्रामा के अनुसार एक ड्रेस छोड़ती है और दूसरी में प्रवेश करती है।
कभी दृश्य मंच पर, तो कभी पर्दे के पीछे से सेवा करती है।
प्रश्न 7: बापदादा की तात्कालिक प्रतिक्रिया से क्या स्पष्ट होता है?
उत्तर:बाबा को जैसे ही यह समाचार मिला,
उसी मुरली में उन्होंने उस पर प्रतिक्रिया दी।
यह सिद्ध करता है कि बाबा हर आत्मा को स्मृति स्वरूप में जानते हैं
और ड्रामा की हर लय को साक्षात अनुभव करते हैं।
प्रश्न 8: गुलदस्ता कैसे सजता जा रहा है?
उत्तर:हर वह आत्मा जो सच्ची सरेंडरता, साइलेंस, सेवा और संकल्प से बंधी है,
वह इस गुलदस्ते का सुंदर फूल बन रही है।
एडवांस पार्टी निरंतर सशक्त होती जा रही है —
बापदादा के दिव्य संकल्पों की पूर्ति के लिए।
“चलो, हम भी आत्मा रूप में ऐसा फूल बनें,
जो सदा महकता रहे, चाहे दृश्य में हो या अदृश्य में।”
ओम शांति।
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