(प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)
रस उपवास | जूस फास्टिंग से दिव्य स्वास्थ्य | Juice Fasting for Divine Health
परिचय
नमस्कार!
डिवाइन हेल्थ में आपका स्वागत है।
आज हम चर्चा करेंगे छठे भाग पर – रस उपवास।
पहले हमने जल उपवास के बारे में समझा था, और आज जानेंगे रस उपवास क्या है, कैसे करते हैं और क्यों यह सर्वोत्तम है।
प्राकृतिक चिकित्सा की आत्मिक पद्धति
उपवास का मतलब केवल भूखे रहना नहीं है।
उपवास का सही अर्थ है –
शरीर और आत्मा की सफाई।
शरीर को विश्राम और आत्मा को ऊर्जा।
रस उपवास – सबसे सरल और सुरक्षित तरीका
उपवास की पद्धतियाँ अनेक हैं।
लेकिन सबसे सरल, सुरक्षित और प्रभावशाली तरीका है – रस उपवास।
मुरली 12 अप्रैल 2024
बाबा ने कहा –
“बच्चे, जो तुम खाते-पीते हो, वे सात्विक और जीवनदायी होने चाहिए, तन और मन को शक्ति देने वाले।”
रस उपवास क्यों सर्वोत्तम है?
जल उपवास में केवल शरीर की सफाई होती है।
लेकिन रस उपवास में –
-
डिटॉक्स भी होता है
-
और साथ ही पोषण भी मिलता है।
रस में प्राकृतिक ग्लूकोस, एंज़ाइम, मिनरल्स और विटामिन्स होते हैं, जो हृदय, मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र को मजबूती देते हैं।
यह शरीर को अल्कलाइन बनाता है और ऑटोफेजी को सक्रिय करता है।
यानि कि –
✔ बेकार कोशिकाएँ रिपेयर होती हैं।
✔ शरीर नई ऊर्जा से भर जाता है।
भारी भोजन बनाम रस
भारी भोजन पचाने में लंबा समय लगता है।
लेकिन जूस मात्र 10 मिनट में पच जाता है।
इससे शरीर को समय मिलता है –
डिटॉक्स करने का
कोशिकाओं की मरम्मत का
कौन से रस सर्वोत्तम हैं?
रस हमेशा क्षारीय और ताजे होने चाहिए।
अम्लीय या डिब्बाबंद रस से बचें।
सर्वोत्तम विकल्प:
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ककड़ी
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लौकी
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गाजर
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पालक
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आंवला
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अनार
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मौसमी
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नींबू
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नारियल पानी
-
मिक्स वेजिटेबल और मिक्स फ्रूट जूस
पैक्ड जूस कभी नहीं लेना – वह केवल चीनी, नमक और प्रिज़र्वेटिव्स से भरा होता है।
मुरली 6 फरवरी 2025
“बच्चे, तुम्हारी थाली में भी ईश्वर की शक्ति होनी चाहिए। तभी भोजन और पेय सहायक बनते हैं।”
रस पीने का सही समय
-
जूस हमेशा खाने से पहले पिएँ।
-
कभी भी खाने के बाद न लें।
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कम से कम आधा घंटा पहले लेना चाहिए।
रस उपवास की विधि और दिनचर्या
सुबह – गुनगुना पानी + नींबू-शहद, प्राणायाम और राजयोग।
नाश्ता – मौसमी फल का ताजा रस (अनार, सेब आदि)।
दोपहर – लौकी, गाजर, पालक का रस। धूप और शुद्ध वायु सेवन।
शाम – नारियल पानी या गाजर का रस।
दिनभर – योग और मौन का अभ्यास।
निष्कर्ष
रस उपवास शरीर को शक्ति देता है, आत्मा को शांति देता है और जीवन में नई ऊर्जा का संचार करता है।
इसे अपनाकर हम न केवल स्वस्थ शरीर पा सकते हैं, बल्कि दिव्य जीवन का अनुभव भी कर सकते हैं।
रस उपवास | जूस फास्टिंग से दिव्य स्वास्थ्य | Juice Fasting for Divine Health
प्रश्न 1: उपवास का सही अर्थ क्या है?
उत्तर: उपवास का मतलब केवल भूखे रहना नहीं है। उपवास का सही अर्थ है –
शरीर और आत्मा की सफाई।
शरीर को विश्राम और आत्मा को ऊर्जा देना।
प्रश्न 2: रस उपवास क्यों सबसे सरल और सुरक्षित माना जाता है?
उत्तर: उपवास की अनेक पद्धतियाँ हैं, लेकिन रस उपवास सबसे सरल, सुरक्षित और प्रभावशाली है। इसमें शरीर को डिटॉक्स भी मिलता है और साथ ही प्राकृतिक पोषण भी मिलता है।
प्रश्न 3: रस उपवास जल उपवास से श्रेष्ठ क्यों है?
उत्तर:
जल उपवास में केवल शरीर की सफाई होती है।
लेकिन रस उपवास में – डिटॉक्स + पोषण दोनों मिलते हैं।
रस में प्राकृतिक ग्लूकोस, एंज़ाइम, मिनरल्स और विटामिन्स होते हैं, जो हृदय, मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र को मजबूती देते हैं।
प्रश्न 4: रस उपवास के दौरान शरीर में कौन-से लाभदायक परिवर्तन होते हैं?
उत्तर:
✔ शरीर अल्कलाइन बनता है।
✔ ऑटोफेजी (Autophagy) सक्रिय होती है।
✔ बेकार कोशिकाएँ रिपेयर होती हैं।
✔ शरीर नई ऊर्जा से भर जाता है।
प्रश्न 5: भारी भोजन और रस पचने में क्या अंतर है?
उत्तर: भारी भोजन पचाने में लंबा समय लगता है, जबकि जूस केवल 10 मिनट में पच जाता है। इससे शरीर को कोशिकाओं की मरम्मत और डिटॉक्स का समय मिलता है।
प्रश्न 6: रस उपवास के लिए कौन-से रस सर्वोत्तम हैं?
उत्तर:
✅ ककड़ी
✅ लौकी
✅ गाजर
✅ पालक
✅ आंवला
✅ अनार
✅ मौसमी
✅ नींबू
✅ नारियल पानी
✅ मिक्स वेजिटेबल और मिक्स फ्रूट जूस
❌ पैक्ड जूस कभी न लें, क्योंकि उसमें चीनी, नमक और प्रिज़र्वेटिव्स होते हैं।
प्रश्न 7: रस पीने का सही समय क्या है?
उत्तर: जूस हमेशा खाने से पहले पिएँ, कम से कम आधा घंटा पहले। कभी भी खाने के बाद जूस न लें।
प्रश्न 8: रस उपवास की दिनचर्या कैसी होनी चाहिए?
उत्तर:
सुबह – गुनगुना पानी + नींबू-शहद, प्राणायाम और राजयोग।
नाश्ता – मौसमी फलों का ताजा रस (अनार, सेब आदि)।
दोपहर – लौकी, गाजर, पालक का रस। धूप और शुद्ध वायु का सेवन।
शाम – नारियल पानी या गाजर का रस।
दिनभर – योग और मौन का अभ्यास।
प्रश्न 9: मुरली में रस उपवास और सात्विक भोजन के बारे में क्या कहा गया है?
उत्तर:
मुरली 12 अप्रैल 2024 – “बच्चे, जो तुम खाते-पीते हो, वे सात्विक और जीवनदायी होने चाहिए, तन और मन को शक्ति देने वाले।”
📖मुरली 6 फरवरी 2025 – “बच्चे, तुम्हारी थाली में भी ईश्वर की शक्ति होनी चाहिए। तभी भोजन और पेय सहायक बनते हैं।”
प्रश्न 10: रस उपवास का अंतिम परिणाम क्या है?
उत्तर: रस उपवास शरीर को शक्ति देता है, आत्मा को शांति देता है और जीवन में नई ऊर्जा का संचार करता है। इसे अपनाकर हम न केवल स्वस्थ शरीर पा सकते हैं, बल्कि दिव्य जीवन का अनुभव भी कर सकते हैं।
Disclaimer यह वीडियो केवल सामान्य स्वास्थ्य व आध्यात्मिक ज्ञान के उद्देश्य से तैयार किया गया है, जो ब्रह्माकुमारी मुरली शिक्षाओं पर आधारित है। यह किसी भी प्रकार का चिकित्सीय परामर्श (Medical Advice) नहीं है। यदि आपको कोई गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, तो किसी योग्य चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें।
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