Satya Yuga – (13)” Future Disasters and Our Standing Position?

सतयुग-(13)”भविष्य की आपदाएँ और हमारी अडाेल स्थिति?

( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)

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भविष्य की आपदाएँ और हमारी अडोल स्थिति

प्रकृति द्वारा अनेक ऐसी समस्यायें आयेंगी जो बहुत भयानक और विकराल होंगी। स्थिति को हिलाने वाली होंगी। लेकिन यदि समस्या को देखते हुए ज़रा भी हलचल में आये, क्वेश्चन भी उठा कि यह क्या, यह क्यों? तो फेल हो जायेंगे। कुछ भी हो लेकिन अन्दर से सदा यह आवाज़ निकले – वाह मीठा ड्रामा! हाय क्या हुआ! यह संकल्प भी न आये। ऐसे मजबूत बनो। क्योंकि दिन-प्रतिदिन प्राकृतिक आपदायें बढ़ने वाली है, तो ऐसी स्थिति हो जो कोई भी संकल्प में भी हलचल न हो। एक सेकण्ड का पेपर आना है, उस समय अगर तैयारी करने में लग गये तो रिजल्ट निकल जायेगी। इसलिए एक सेकण्ड में पास हो जाएं-इसका अभ्यास करो।

प्रकृति की हलचल बढ़ती जा रही है! आने वाले समय में अनेक भयंकर और विकराल परिस्थितियाँ सामने आएंगी। ये ऐसी होंगी जो मन और बुद्धि को हिला सकती हैं। लेकिन अगर उस समय हलचल में आ गए, मन में सवाल उठा – “ये क्या हो रहा है?”, “ऐसा क्यों हो रहा है?” – तो समझो, फेल हो गए!सफलता का मंत्र क्या है?

चाहे कुछ भी हो, अंदर से सिर्फ यही आवाज़ निकलनी चाहिए – “वाह मीठा ड्रामा!” न कि “हाय! ये क्या हो गया!” ऐसा संकल्प भी न आए! हमें इतना मजबूत बनना है कि किसी भी स्थिति में मन स्थिर और शांत रहे।

 🔥 कैसे पास होंगे?

एक सेकंड का पेपर आएगा अगर उस समय तैयारी करने में लग गए तो रिजल्ट निकल जाएगा।

इसलिए अभी से अभ्यास करो एक सेकंड में पास होने की कला सीखो!

दिन-प्रतिदिन प्राकृतिक आपदाएँ बढ़ती जाएंगी, लेकिन हमारी स्थिति इतनी मजबूत हो कि कोई भी हलचल हमें हिला न सके।

 तो चलो, आज से ही अडोल, अचल और स्थिर रहने की प्रैक्टिस शुरू करें!

शीर्षक: भविष्य की आपदाएँ और हमारी अडोल स्थिति

प्रश्न 1:आने वाले समय में कैसी परिस्थितियाँ आने वाली हैं?

उत्तर:आने वाले समय में प्रकृति द्वारा अनेक भयानक और विकराल आपदाएँ आएंगी जो मन और बुद्धि को हिला सकती हैं। ये ऐसी परिस्थितियाँ होंगी जो परीक्षा की घड़ी जैसी होंगी।


प्रश्न 2:ऐसी आपदाओं के समय हमारी स्थिति कैसी होनी चाहिए?

उत्तर:ऐसी परिस्थिति में हमारी स्थिति अडोल, अचल और स्थिर होनी चाहिए। कोई भी हलचल या “हाय! क्या हो गया?” जैसा संकल्प भी नहीं आना चाहिए। केवल यह भाव रहे – “वाह मीठा ड्रामा!”


प्रश्न 3:अगर आपदा के समय मन में सवाल उठे, तो क्या होगा?

उत्तर:अगर उस समय मन में सवाल आया – “ये क्यों हुआ?”, “ऐसा कैसे हुआ?” – तो समझो परीक्षा में फेल हो गए। यह दर्शाता है कि मन हलचल में आ गया और स्थिति मजबूत नहीं रही।


प्रश्न 4:इस परिस्थिति में सफल होने का मंत्र क्या है?

उत्तर:सफलता का मंत्र है – एक सेकंड में पास होना। परिस्थिति चाहे कैसी भी हो, मन को एक सेकंड में स्थिर और शांत बनाकर “वाह मीठा ड्रामा!” कहना ही सफलता की निशानी है।


प्रश्न 5:“एक सेकंड में पास” होने का अभ्यास कैसे करें?

उत्तर:इसके लिए रोज़ अभ्यास करें कि कोई भी परिस्थिति आए, तो तुरंत आत्मा की स्थिति को याद दिलाएँ – “मैं शांत स्वरूप आत्मा हूँ”, “मैं अभिनेता हूँ, यह सारा खेल है।” अभ्यास से ही एक सेकंड में पास होने की कला आती है।


प्रश्न 6:प्राकृतिक आपदाओं के बढ़ने का हमारे ऊपर क्या असर होना चाहिए?

उत्तर:प्राकृतिक आपदाओं का असर हमारी स्थिति पर बिल्कुल नहीं होना चाहिए। जितनी ज्यादा बाहरी हलचल बढ़े, हमारी आंतरिक स्थिति उतनी ही स्थिर और शक्तिशाली बननी चाहिए।


प्रश्न 7:हमें अब क्या करना चाहिए?

उत्तर:हमें अभी से अडोल, अचल और स्थिर रहने की प्रैक्टिस शुरू कर देनी चाहिए। एक सेकंड में स्थिति बदलने की शक्ति का अभ्यास करना चाहिए, ताकि जब पेपर आए तो तुरंत पास हो सकें।


संकल्प:
“अब मैं कोई भी परिस्थिति आने पर हिलूंगा नहीं। मेरी स्थिति इतनी अडोल होगी कि मैं हर परिस्थिति को ड्रामा का भाग समझकर पार कर लूंगा।”

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