(103) Geeta Mata: The secret of spiritual birth from Supreme Lord Shiva

(103) गीता माता: परमात्मा शिव से आध्यात्मिक जन्म का रहस्य

YouTube player

सहज पुरुषार्थी के लक्षण

(बापदादा की मुरली पर आधारित)

1. प्रस्तावना

प्यारे भाईयों और बहनों, आज हम बापदादा की मुरली से यह गहन विषय समझेंगे – सहज पुरुषार्थी के लक्षण
सहज पुरुषार्थ का अर्थ है – ऐसा जीवन, जिसमें प्रयास करने की आवश्यकता न लगे बल्कि आत्मा की स्थिति इतनी स्वाभाविक, सरल और ईश्वरीय हो जाए कि हर कर्म, हर विचार सहजता से श्रेष्ठ बन जाए।


2. सहज पुरुषार्थी की पहचान

  • सहज पुरुषार्थी कभी भी बोझ अनुभव नहीं करता।

  • उसका जीवन जैसे खेल-खेल में, नाचते-गाते निकलता है।

  • उसके चेहरे पर सदा आनंद और शांति की झलक रहती है।

  • वह कठिन परिस्थितियों में भी हल्के और हंसमुख रहते हैं।


3. स्मृति स्वरूप जीवन

  • सहज पुरुषार्थ का पहला लक्षण है स्मृति स्वरूप रहना।

  • हर घड़ी याद रहे कि मैं आत्मा हूँ, परमात्मा मेरा साथी है।

  • जब स्मृति सहज बन जाए, तो योग बल से सभी कमजोरी मिट जाती है।


4. गुण और व्यवहार में संतुलन

  • सहज पुरुषार्थी के बोल और व्यवहार में हमेशा मिठास होती है।

  • वे हर आत्मा को सम्मान देते हैं।

  • उनका रहन-सहन, खान-पान, चाल-चलन सब ईश्वरीय मर्यादाओं के अनुसार होता है।


5. परिस्थितियों में स्थिरता

  • सहज पुरुषार्थी व्यक्ति किसी भी परिस्थिति से डगमगाता नहीं।

  • जैसे कमल जल में रहते हुए भी जल से अछूता है, वैसे ही उसका मन स्थिर और निर्मल रहता है।

  • यह स्थिरता ही उसे पास विद ऑनर बनाती है।


6. सहजता में श्रेष्ठता

  • सहज पुरुषार्थ का अर्थ है, जीवन में कोई कृत्रिमता न हो।

  • जैसे बच्चे की मुस्कान सहज और निश्छल होती है, वैसे ही सहज पुरुषार्थी का जीवन पवित्र और आनंदमय होता है।

  • वह दूसरों को देखकर बदलता नहीं, बल्कि अपने दिव्य गुणों से सबको प्रेरणा देता है।


7. निष्कर्ष

सच्चा सहज पुरुषार्थी वही है जो बाबा की रीति-नीति पर सदा चलता है।
उसका जीवन ईश्वरीय गुणों का आदर्श बन जाता है।
आज बाबा हमें यही सिखा रहे हैं कि सहज पुरुषार्थ से ही हम पास विद ऑनर हो सकते हैं।

“स्मृति स्वरूप, अनुभवी मूर्त बन सेकण्ड की तीव्रगति से परिवर्तन”


प्रश्नोत्तर (Questions & Answers)

प्रश्न 1: बापदादा बच्चों को “स्मृति स्वरूप” बनने के लिए क्यों याद दिलाते हैं?

उत्तर: क्योंकि स्मृति स्वरूप बनकर ही आत्मा अपनी वास्तविक पहचान में स्थित हो सकती है। आत्मा को याद दिलाया जाता है कि वह शाश्वत, अविनाशी, शांत और पवित्र स्वरूप है। जब यह स्मृति स्थिर रहती है तो परिस्थितियों और समय का प्रभाव नहीं पड़ता।


प्रश्न 2: “अनुभवी मूर्त” बनने का क्या अर्थ है?

उत्तर: केवल ज्ञान को सुनना या समझना ही पर्याप्त नहीं है। अनुभवी मूर्त वह है जिसने उस ज्ञान को जीवन में अनुभव किया हो। अनुभव आत्मा को दृढ़ता, निश्चय और अडिग शक्ति देता है, जिससे साधारण बातों से भी आत्मा हिलती नहीं है।


प्रश्न 3: बापदादा ‘सेकण्ड की तीव्रगति से परिवर्तन’ की बात क्यों करते हैं?

उत्तर: समय बहुत तीव्र गति से बदल रहा है। आज का एक सेकण्ड भी बहुत मूल्यवान है। अगर हम अभी परिवर्तन नहीं करेंगे तो अवसर हाथ से निकल जाएगा। सेकण्ड-सेकण्ड में आत्मा को अपनी स्थिति उच्च बनानी है ताकि अंतिम समय में पास विद ऑनर हो सकें।


प्रश्न 4: “पास विद ऑनर” का क्या भाव है?

उत्तर: इसका अर्थ है—बिना किसी कमजोरी या बंधन के परीक्षा में सफल होकर परमात्मा के दरबार में विजयी आत्मा के रूप में प्रवेश करना। पास विद ऑनर आत्माएं वे हैं जो अपने जीवन में सम्पूर्ण पवित्रता, सेवा और आत्म-स्थिति की उच्चता को धारण करती हैं।


प्रश्न 5: स्मृति और अनुभूति के मेल से जीवन में कौन सा परिवर्तन आता है?

उत्तर: स्मृति आत्मा को अपनी पहचान दिलाती है और अनुभूति आत्मा को शक्ति देती है। जब दोनों साथ होते हैं तो आत्मा परिस्थितियों से परे रहते हुए, सहजता से, तीव्र गति से परिवर्तन कर सकती है। यही परिवर्तन उसे देवत्व और विश्वसेवा के कार्य में सफल बनाता है।

Disclaimer

यह वीडियो केवल आध्यात्मिक और शैक्षिक उद्देश्य के लिए बनाया गया है। इसमें व्यक्त विचार ब्रह्माकुमारियों के ईश्वरीय ज्ञान और मुरली बिंदुओं पर आधारित हैं।
हम किसी भी प्रकार की अंधश्रद्धा, आलोचना, विवाद या नकारात्मकता को प्रोत्साहित नहीं करते।
इस वीडियो का उद्देश्य केवल आत्मिक जागृति, सकारात्मक सोच और जीवन मूल्यों को साझा करना है।
दर्शकों से निवेदन है कि वे इसे मनन, चिंतन और व्यक्तिगत उत्थान के दृष्टिकोण से ग्रहण करें।

Brahma Kumaris, Murli, Shivbaba, Avyakt Murli, Sakar Murli, spirituality, Rajyoga, soul, God, Geeta knowledge, Brahma Kumari knowledge, positive thinking, BapDada, spirituality, brahmakumaris rajyoga, shiv baba murli, godly knowledge, bk murli,

ब्रह्माकुमारी,मुरली,शिवबाबा,अव्यक्त मुरली,साकार मुरली,आध्यात्मिकता,राजयोग,आत्मा,परमात्मा,गीता ज्ञान,ब्रह्माकुमारी ज्ञान,साकारात्मक सोच,बापदादा,आध्यात्म,ब्रह्माकुमारी राजयोग,शिव बाबा मुरली,ईश्वरीय ज्ञान,बीके मुरली,