16-Self-awareness: Understanding the relationship between body and soul

16-आत्म-चेतनाः शरीर और आत्मा के बीच संबंध को समझना

( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)

YouTube player

स्वयं ईश्वर सिखाते हैं सहज राजयोग और कोई सिखा ही नहीं सकता – आत्मा, चेतना और शरीर का रहस्य”

प्रस्तावना: एक अलौकिक ज्ञान

  • आज हम एक ऐसी बात पर चर्चा कर रहे हैं, जो इस संसार के किसी भी साधु, संत या महापुरुष ने हमें नहीं सिखाई।

  • स्वयं परमात्मा ही आकर जो सिखाते हैं, उसे कहते हैं “सहज राजयोग”

  • और इस योग का मूल आधार है — आत्मा और शरीर का सच्चा संबंध।

आत्मा और शरीर का रहस्य क्या है?

  • जब आत्मा शरीर में प्रवेश करती है, तो जन्म कहलाता है।

  • जब आत्मा शरीर को छोड़ देती है, तो मृत्यु कहलाती है।

  • शरीर का जीवनकाल है, आत्मा का नहीं। आत्मा अमर है।

  • आत्मा चैतन्य, अविनाशी शक्ति है, जबकि शरीर नश्वर है।

शरीर की तुलना मोटर कार से – आत्मा ड्राइवर

  • यदि शरीर को मोटर कार मानें, तो आत्मा उसकी ड्राइवर है।

  • ब्रेन (मस्तिष्क) उस कार का गियर, ब्रेक और स्टार्टर है।

  • लेकिन कार को चलाता कौन है? आत्मा।

  • मस्तिष्क शरीर का हिस्सा है, आत्मा का नहीं।

  • यह बहुत सूक्ष्म और अद्भुत रहस्य है जो परमात्मा समझाते हैं।

मस्तिष्क और आत्मा का संबंध – आज्ञा चक्र

  • ब्रेन में तीन महत्वपूर्ण ग्लैंड्स हैं – पिट्यूटरी, पीनियल और हाइपोथैलेमस

  • इन तीनों के बीच आत्मा की सीट होती है, जिसे “आज्ञा चक्र” कहा जाता है।

  • आत्मा ही इन ग्लैंड्स के द्वारा पूरे शरीर को आदेश देती है।

  • इसलिए इसे कंट्रोल रूम भी कहा गया है।

मन आत्मा का होता है, मस्तिष्क शरीर का

  • ब्रेन तो हार्डवेयर है, लेकिन डाटा प्रोसेसर कौन है? आत्मा।

  • आत्मा शरीर के हर अनुभव को observe करती है और store करती है।

  • यही कारण है कि आत्मा पुनर्जन्म में भी संस्कारों को साथ लाती है

शरीर आत्मा के लिए है, आत्मा शरीर के लिए नहीं

  • यह वाक्य बहुत गूढ़ है:
    शरीर आत्मा के लिए है, आत्मा शरीर के लिए नहीं।

  • आत्मा रचयिता है, शरीर उसकी रचना।

  • आत्मा ही शरीर को धारण करती है इस कर्मभूमि पर अपना पाठ निभाने के लिए।

तीनों ग्लैंड्स को कंट्रोल कैसे करती है आत्मा?

  • जब आत्मा जागरूक हो जाती है, तो ये तीनों ग्लैंड्स स्वतः ठीक से काम करने लगते हैं।

  • आज्ञा चक्र जागृत होने पर शरीर स्वाभाविक रूप से स्वस्थ और नियंत्रित रहता है।

महात्मा बुद्ध का उदाहरण – प्रयास था पर ज्ञान नहीं था

  • बुद्ध ने बहुत कठिन तप किया। 40 दिन तक भूखे रहकर ध्यान किया।

  • परंतु उन्हें सत्य कब मिला? जब उन्होंने शरीर को भोजन दिया और मन स्थिर हुआ।

  • ज्ञान के अभाव में तपस्या अधूरी रह जाती है।
    सच्चा योग तब होता है जब स्वयं परमात्मा ज्ञान देते हैं।

निष्कर्ष: सहज राजयोग – परमात्मा की अद्भुत देन

  • यह स्पष्ट है कि सहज राजयोग कोई मनुष्य नहीं सिखा सकता।

  • स्वयं परमात्मा हमें यह ज्ञान देते हैं कि:

    • मैं आत्मा कौन हूं?

    • शरीर से मेरा संबंध क्या है?

    • और परमात्मा से मेरा नाता कैसे जुड़ता है?

आह्वान: इस राज़ को जानो और जीवन सफल बनाओ

  • यह ज्ञान गूढ़ है, पर सहज है।

  • इसे समझने के लिए रोज परमात्मा की मुरली सुनो।

  • “Know the Self, Rule the Body — This is Rajyog!”

  • Title on image: “आत्मा-शरीर का रहस्य: सिर्फ भगवान सिखाते हैं!”

  • Visual: glowing soul sitting in Ajna Chakra inside transparent brain

  • Additional: “सहज राजयोग क्या है? जानिए!” in bold font

स्वयं ईश्वर सिखाते हैं सहज राजयोग और कोई सिखा ही नहीं सकता – आत्मा, चेतना और शरीर का रहस्य”


Q1: सहज राजयोग को “सहज” क्यों कहा गया है?

A1:क्योंकि इसमें कोई शारीरिक कठिनाई नहीं होती। यह योग स्वयं परमात्मा सिखाते हैं, जिसमें आत्मा का आत्मा से संबंध जोड़ना और सहज स्मृति द्वारा ब्रह्मांड के रचयिता को याद करना सिखाया जाता है। इसमें केवल ज्ञान और स्मृति की शक्ति काम करती है।


Q2: आत्मा और शरीर का मुख्य अंतर क्या है?

A2:आत्मा चैतन्य, अमर, अविनाशी शक्ति है — जबकि शरीर नश्वर, पंचतत्वों से बना हुआ है।
आत्मा जन्मों-जन्मों तक रहती है, शरीर बार-बार बदलता है।


Q3: शरीर को “मोटर कार” और आत्मा को “ड्राइवर” क्यों कहा जाता है?

A3:क्योंकि जैसे मोटर कार तब तक नहीं चल सकती जब तक ड्राइवर उसे कंट्रोल न करे, वैसे ही शरीर आत्मा के बिना एक निष्क्रिय मशीन है।
आत्मा ही सोचती, बोलती और शरीर को संचालन देती है।


Q4: क्या मस्तिष्क (ब्रेन) आत्मा का हिस्सा है?

A4:नहीं, ब्रेन शरीर का हिस्सा है। आत्मा एक सूक्ष्म शक्ति है जो मस्तिष्क को आज्ञा देती है और आज्ञा चक्र के स्थान पर स्थित रहती है।


Q5: आत्मा शरीर को कैसे नियंत्रित करती है?

A5:आत्मा शरीर में स्थित तीन मुख्य ग्लैंड्स – पिट्यूटरी, पीनियल और हाइपोथैलेमस – के माध्यम से शरीर को आदेश देती है। ये ग्लैंड्स ही आत्मा के “कमांड सेंटर” का हिस्सा हैं।


Q6: ‘आज्ञा चक्र’ क्या है और इसका क्या महत्व है?

A6:यह वह सूक्ष्म स्थान है जहां आत्मा शरीर में स्थित होती है। यह मस्तिष्क के भीतर स्थित होता है और वहीं से आत्मा सभी ग्लैंड्स को आदेश देती है। यह शरीर का कंट्रोल रूम है।


Q7: मन आत्मा का होता है या मस्तिष्क का?

A7:मन आत्मा का होता है। मस्तिष्क तो केवल शरीर का यंत्र है। आत्मा ही सोचती, अनुभव करती और निर्णय लेती है। मस्तिष्क केवल माध्यम है।


Q8: आत्मा संस्कारों को कैसे साथ लाती है?

A8:आत्मा अपने हर अनुभव को record करती है, जो पुनर्जन्म में भी उसके साथ जाते हैं। यही उसके संस्कार कहलाते हैं, जो उसके व्यवहार और प्रवृत्ति को जन्म-जन्मांतर तक प्रभावित करते हैं।


Q9: ‘शरीर आत्मा के लिए है, आत्मा शरीर के लिए नहीं’ — इसका अर्थ क्या है?

A9:इसका अर्थ है कि आत्मा सर्वोच्च सत्ता है और शरीर केवल उसका यंत्र है। आत्मा अपने कर्मों की भूमिका निभाने के लिए शरीर को धारण करती है, परंतु शरीर आत्मा को नहीं धारण करता।


Q10: जब आत्मा जागरूक हो जाती है तो शरीर में क्या परिवर्तन आता है?

A10:जब आत्मा आत्म-जागरूक होती है, तो पिट्यूटरी, पीनियल और हाइपोथैलेमस ग्लैंड्स ठीक से काम करने लगते हैं। इससे शरीर संतुलित, स्वास्थ्यपूर्ण और शुद्ध होता है।


Q11: क्या बुद्ध को ज्ञान स्वयं मिला था या किसी ने दिया था?

A11:बुद्ध ने बहुत प्रयास किया, लेकिन उन्हें आत्मा-परमात्मा का सच्चा ज्ञान नहीं मिला। ज्ञान के अभाव में उनकी तपस्या अधूरी रही।
सच्चा योग तब होता है जब परमात्मा स्वयं ज्ञान देकर आत्मा को जागृत करते हैं।


Q12: सहज राजयोग को केवल परमात्मा ही क्यों सिखा सकते हैं?

A12:क्योंकि परमात्मा ही निर्लेप, ज्ञानस्वरूप, सर्वज्ञ हैं।
मनुष्य आत्मा स्वयं अज्ञानी है, उसे आत्मा-परमात्मा और शरीर का सच्चा रहस्य नहीं पता।
इसलिए परमात्मा ही आकर स्वयं “सहज राजयोग” सिखाते हैं।


Q13: हमें सहज राजयोग कहां से सीखना चाहिए?

A13:स्वयं परमात्मा द्वारा प्रतिदिन सुनाई जाने वाली “मुरली” से — जो ब्रह्मा के मुख से सुनाई जाती है — और Brahma Kumaris के केंद्रों से इस ज्ञान को सहज रूप में प्राप्त किया जा सकता है।

सहज राजयोग, ईश्वर का ज्ञान, आत्मा और शरीर का रहस्य, ब्रह्माकुमारी राजयोग, परमात्मा द्वारा सिखाया योग, आज्ञा चक्र का रहस्य, आत्मा क्या है, शरीर और आत्मा का संबंध, ब्रह्माकुमारी योग ज्ञान, सहज राजयोग क्या है, आत्मा अमर है, चेतना का रहस्य, राजयोग मेडिटेशन, ब्रह्माकुमारी ज्ञान, आत्मा ड्राइवर शरीर गाड़ी, परमात्मा का ज्ञान, गुप्त राजयोग, पुनर्जन्म और संस्कार, भगवान का दिया योग, भगवान कौन है, मन और मस्तिष्क का भेद, सहज योग अनुभव, आत्मज्ञान कैसे प्राप्त करें, आत्मा की सीट आज्ञा चक्र, मस्तिष्क और आत्मा का संबंध, योग से स्वास्थ्य, ब्रह्माकुमारिज मुरली, अविनाशी आत्मा, ज्ञान और तपस्या, Mahatma Buddha and Rajyog, Spiritual Science Hindi, Rajyoga Meditation Hindi,

Sahaj Rajyoga, Knowledge of God, Secret of Soul and Body, Brahma Kumari Rajyoga, Yoga taught by God, Secret of Ajna Chakra, What is Soul, Body and Soul Connection, Brahma Kumari Yoga Knowledge, What is Sahaj Rajyoga, Soul is immortal, Secret of Consciousness, Rajyoga Meditation, Brahma Kumari Knowledge, Soul driver body vehicle, Knowledge of God, Secret Rajyoga, Reincarnation and Sanskaar, Yoga given by God, Who is God, Difference between mind and brain, Sahaj Yoga Experience, How to get enlightenment, Soul’s seat Ajna Chakra, Brain and Soul Connection, Health through Yoga, Brahma Kumaris Murli, Indestructible Soul, Knowledge and Penance, Mahatma Buddha and Rajyoga, Spiritual Science Hindi, Rajyoga Meditation Hindi,