हर आत्मा में संपूर्ण ज्ञान मर्ज है उसे इमर्ज कैसे करें?
“हर आत्मा में संपूर्ण ज्ञान कैसे छुपा है? | Murli 31 जुलाई 2025 |
“हर आत्मा में मर्ज ज्ञान को इमर्ज कैसे करें?”
प्रस्तावना:
ओम शांति।
बाबा आज हमें एक महान सत्य समझा रहे हैं – हर आत्मा में संपूर्ण ज्ञान पहले से ही मर्ज है।
हमें बस उसे इमर्ज करना है – लेकिन कैसे?
आत्मा: एक रोलधारी अभिनेता
हर आत्मा एक पूर्व-नियोजित अभिनेता है।
जिस प्रकार कोई अभिनेता स्क्रिप्ट के अनुसार एक्ट करता है, वैसे ही आत्मा भी ड्रामा की स्क्रिप्ट अनुसार पार्ट प्ले करती है।
हर आत्मा में उसकी भूमिका का संपूर्ण ज्ञान पहले से मर्ज रूप में रिकॉर्ड है।
उदाहरण:
जैसे कोई USB ड्राइव हो जिसमें सारा डेटा छुपा हो — लेकिन जरूरत पर वही डेटा इमर्ज होता है।
“मर्ज ज्ञान” कब इमर्ज होता है?
हर आत्मा में उसकी संपूर्णता की अवस्था के अनुसार ज्ञान इमर्ज होता है।
जैसे ही दृश्य आता है, ज्ञानी आत्मा की स्मृति जागती है –
“यह दृश्य 5000 वर्ष पहले भी था… अब यह ड्रामा दोबारा रिपीट हो रहा है।”
कैसे बने ‘जानी जाननहार आत्मा’?
बाबा कहते हैं:
तुम जानी जाननहार आत्मा बन सकते हो —
पर पहले मर्ज ज्ञान को संग्रह करो,
फिर योगबल व स्मृति से उसे इमर्ज करो।
उदाहरण:
राजयोगी आत्मा जब कोई परिस्थिति देखती है, तो वह सहज समझ जाती है –
यह ड्रामा का कौन-सा सीन है, उसमें मुझे कैसी स्थिति रखनी है?
बुद्धि की सफाई से बढ़ेगी इमर्जिंग
जैसे किसी लेंस पर धूल हो तो प्रकाश साफ नहीं दिखता —
वैसे ही मन-बुद्धि अशुद्ध है तो मर्ज ज्ञान इमर्ज नहीं होगा।
बुद्धि की सफाई = बाबा की याद
जैसे-जैसे मन शांत और पवित्र होगा, आत्मा का मर्ज ज्ञान इमर्ज होने लगेगा।
ड्रामा टेक्नोलॉजी: आत्मा = परफेक्ट रिकॉर्डिंग
यह विराट ड्रामा एक सटीक रिकॉर्डिंग है।
हर आत्मा में पूरे 5000 वर्ष की मेमोरी रिकॉर्ड है।
उदाहरण:
जैसे CCTV कैमरा हर क्षण रिकॉर्ड करता है —
वैसे ही आत्मा हर सीन रिकॉर्ड करती जाती है।
जैसे पुराने कैसेट्स में खाली समय भी रिकॉर्ड होता था —
उसी तरह आत्मा में “रिकॉर्डेड साइलेंस” भी मर्ज होता है।
भविष्य को जानने की शक्ति कहाँ से आती है?
ज्ञानी आत्मा की बुद्धि ड्रामा से जुड़ी होती है।
इसलिए वह परिस्थितियों में भी भविष्य के संकेत देख सकती है।
आत्मा में वह सूक्ष्म क्षमता होती है कि वह पहचान ले —
“यह सीन पहले भी आया था, अब फिर से आया है।”
निष्कर्ष:
आत्मा एक चाबीदार ज्ञान मशीन है।
हर आत्मा में उसका ज्ञान, अनुभव और एक्ट पहले से मर्ज रूप में है।
किसी को जबरदस्ती ज्ञान देना व्यर्थ है।
बस बाबा से योग लगाएं, और अपने मर्ज ज्ञान को इमर्ज करें।
बाबा कहते हैं:
“जो जितना इमर्ज करेगा, वह उतना ही सेवा में नंबर लेगा और नैनों में चमकेगा।”
“हर आत्मा में संपूर्ण ज्ञान कैसे छुपा है? | Murli 31 जुलाई 2025 |
Q&A: ‘हर आत्मा में मर्ज ज्ञान को इमर्ज कैसे करें?’
प्रश्न 1: क्या वास्तव में हर आत्मा में संपूर्ण ज्ञान छिपा होता है?
उत्तर:जी हाँ। मुरली अनुसार, हर आत्मा एक रोलधारी अभिनेता है, जिसके अंदर उसकी भूमिका का संपूर्ण ज्ञान पहले से ही मर्ज (छुपा हुआ) रूप में होता है। जैसे एक USB ड्राइव में डाटा छिपा होता है और ज़रूरत पर इमर्ज होता है, वैसे ही आत्मा में ज्ञान दबा होता है — समय आने पर प्रकट होता है।
प्रश्न 2: आत्मा का ज्ञान इमर्ज कब होता है?
उत्तर:ज्ञान तब इमर्ज होता है जब आत्मा की संपूर्णता की अवस्था ऊँच होती है — अर्थात जब आत्मा पवित्र, शांत और बाबा की याद में स्थित हो। ऐसे में जैसे ही कोई दृश्य सामने आता है, ज्ञानी आत्मा उसे पहचान लेती है — “यह ड्रामा पहले भी हुआ था, अब रिपीट हो रहा है।”
प्रश्न 3: मर्ज ज्ञान को इमर्ज करने के लिए क्या करना ज़रूरी है?
उत्तर:बाबा कहते हैं —
“पहले ज्ञान को मर्ज में संग्रह करो, फिर योगबल और स्मृति से उसे इमर्ज करो।”
इसके लिए ज़रूरी है:
-
नियमित रूप से मुरली पढ़ना (ज्ञान संग्रह करना)
-
योग में रहना (बुद्धि की सफाई)
-
स्व स्थिति का अभ्यास (संवेदनशीलता बढ़ाना)
प्रश्न 4: बुद्धि की सफाई का इमर्ज ज्ञान से क्या संबंध है?
उत्तर:जैसे धूल लगा लेंस रोशनी को धुंधला कर देता है, वैसे ही विकारों से भरी बुद्धि भी मर्ज ज्ञान को इमर्ज नहीं होने देती। जब बुद्धि बाबा की याद से स्वच्छ होती है, तब आत्मा का गुप्त ज्ञान स्वयं ही जागने लगता है।
प्रश्न 5: ड्रामा और आत्मा के बीच का संबंध क्या है?
उत्तर:ड्रामा एक परफेक्ट रिकॉर्डिंग है, और आत्मा उसकी मेमोरी कार्ड जैसी धारक है। हर आत्मा में पूरे 5000 वर्ष की एक्टिंग पहले से रिकॉर्डेड है — चाहे वह सीन हो, मौन हो या अनुभव। ये सब मर्ज रूप में आत्मा में संग्रहित है।
प्रश्न 6: ज्ञानी आत्मा को भविष्य के संकेत कैसे मिलते हैं?
उत्तर:क्योंकि ज्ञानी आत्मा की बुद्धि ड्रामा से जुड़ी होती है, इसलिए वह बार-बार रिपीट हो रहे दृश्यों को पहचान सकती है। वह जान जाती है कि “यह सीन पहले भी आया था, अब फिर से आया है” — और उस अनुसार अपनी स्थिति बना लेती है।
प्रश्न 7: क्या हम दूसरों को भी यह ज्ञान दे सकते हैं?
उत्तर:बाबा कहते हैं — किसी को ज़बरदस्ती ज्ञान देना व्यर्थ है।
हर आत्मा में उसका अपना मर्ज ज्ञान छिपा है, जो सिर्फ योगबल से ही इमर्ज हो सकता है। इसलिए हमें स्वयं की स्मृति जागृत करनी है — और उदाहरण बनकर दूसरों को प्रेरित करना है।
Disclaimer (अस्वीकरण):
इस वीडियो में प्रस्तुत सभी विचार, व्याख्याएं और उत्तर ब्रह्माकुमारियों के आध्यात्मिक ज्ञान एवं मुरली दिनांक 31 जुलाई 2025 पर आधारित हैं। यह सामग्री शुद्ध रूप से आत्मज्ञान, राजयोग और आत्म-उन्नति हेतु बनाई गई है। इसका उद्देश्य किसी धर्म, मत, या परंपरा की तुलना या आलोचना नहीं है। कृपया इसे एक आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखें।
#Murli31July2025, #BKGyan, #KnowledgeinEverySoul, #MergeandEmerge, #BrahmaKumaris, #BKDrSurenderSharma, #Self-Knowledge, #RajYoga, #GyanYoga, #ShivBaba, #MurliToday, #SpiritualSpeech, #SoulConsciousness, #DramaPhilosophy, #BabaKiMurli, #BKOmshantiGY
#मुरली31जुलाई2025, #बीकेज्ञान, #हरआत्मामेंज्ञान, #मर्जऔरइमर्ज, #ब्रह्मकुमारी, #बीकेडॉसुरेंद्रशर्मा, #आत्मज्ञान, #राजयोग, #ज्ञानयोग, #शिवबाबा, #मुरलीटुडे, #आध्यात्मिक भाषण, #आत्मचेतना, #नाटकदर्शन, #बाबाकीमुरली, #बीकेओम्शांतिजीवाई

