Homeland and micro-homeland: similarities and differences

मूल वतन और सूक्ष्म वतन: समानता और अंतर

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(प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)

मूल वतन और सूक्ष्म वतन – समानता और अंतर

प्रस्तावना

आज का विषय है: “भूल वर्तन और सूक्ष्म वर्तन में समानता और अंतर”

  • मूल वतन: आत्मा का शाश्वत घर, परमधाम।

  • सूक्ष्म वतन: कार्यशाला, सेवा और संकल्प का क्षेत्र।

  • दोनों ही आत्मा के लिए उच्च स्थिति वाले स्थान हैं।

मुरली नोट: अव्यक्त मुरली 18 जनवरी 2025


मूल वतन (Param Dham) – आत्मा का शाश्वत घर

  • स्थान: आत्मा का घर, शांति धाम, निर्वाण धाम, ब्रह्मलोक, सचखंड।

  • स्थिति: पूर्ण शांति और स्थिरता, समय और शब्द का अनुभव नहीं।

  • विशेषता: वहाँ ना कर्म, ना विकार, केवल प्रकाशमय स्थिति।

  • उदाहरण: गहरे नींद में होने वाला शांति अनुभव।

मुरली नोट:

“मूल वतन आत्मा का सदा का घर, शांति और स्थिरता का अनुभव होता है।” – अव्यक्त मुरली 18 जनवरी 2025


सूक्ष्म वतन – देव कार्यशाला

  • स्थान: आकांक्षा धाम, सेवा का क्षेत्र।

  • स्थिति: देह रहित होकर संकल्प और शक्ति का प्रयोग।

  • विशेषता: आत्मा यहाँ संकल्प करती है और शक्ति बनाती है, जैसे कलाकार स्टेज पर तैयारी करता है।

  • उदाहरण: कलाकार मंच पर जाने से पहले मेकअप और अभ्यास करता है।

मुरली नोट:

“सूक्ष्म वतन में आकर तुम बच्चों को संकल्प द्वारा शक्ति देते हैं।” – अव्यक्त मुरली 21 मार्च 2025


समानता – मूल वतन और सूक्ष्म वतन

  • दोनों देह रहित, शांति और विकार मुक्त हैं।

  • दोनों में आत्मा उच्च स्थिति में रहती है।

  • उदाहरण: हवाई जहाज जमीन से ऊपर उड़ता है, वैसे ही आत्मा स्थूल जगत से ऊपर होती है।


अंतर – घर और कार्यशाला

विशेषता मूल वतन सूक्ष्म वतन
स्थान आत्मा का शाश्वत घर सेवा और संकल्प का क्षेत्र
उद्देश्य शांति का अनुभव शक्ति और संकल्प का निर्माण
अनुभव स्थिरता, प्रकाशमय स्थिति संकल्प और शक्ति का प्रयोग
समय अनुभव नहीं संकल्प से कार्य संभव

अंतिम प्रेरणा

संकल्प:

“मैं देह अभिमान से मुक्त होकर कभी मूल वतन की शांति, कभी सूक्ष्म वतन की शक्ति का अनुभव करूंगा।”

मुरली नोट: साकार मुरली 26 सितंबर 2025


उदाहरणों से समझें

  • मूल वतन: जैसे गहरी नींद में शांति।

  • सूक्ष्म वतन: जैसे कलाकार स्टेज पर जाने से पहले तैयारी करता है।

  • दोनों से तुलना: हवाई जहाज की तरह आत्मा स्थूल जगत से ऊपर उठती है।

Q1: मूल वतन और सूक्ष्म वतन में क्या समानता है?

A1:

  • दोनों में आत्मा देह रहित, शांति और विकार मुक्त रहती है।

  • दोनों में आत्मा उच्च स्थिति में रहती है, स्थूल जगत से अलग।

  • उदाहरण: जैसे हवाई जहाज जमीन से ऊपर उठकर बादलों के बीच उड़ता है, वैसे ही आत्मा स्थूल जगत से ऊपर होती है।


Q2: मूल वतन क्या है और वहां की स्थिति कैसी होती है?

A2:

  • मूल वतन = आत्मा का शाश्वत घर, परमधाम, शांति धाम।

  • वहां समय, शब्द, कर्म, विकार का अनुभव नहीं होता।

  • आत्मा केवल प्रकाशमय स्थिति में रहती है।

  • उदाहरण: गहरी नींद में शांति का अनुभव।

मुरली नोट:

“मूल वतन आत्मा का सदा का घर, शांति और स्थिरता का अनुभव होता है।” – अव्यक्त मुरली 18 जनवरी 2025


Q3: सूक्ष्म वतन क्या है और वहां आत्मा क्या करती है?

A3:

  • सूक्ष्म वतन = देव कार्यशाला, सेवा और संकल्प का क्षेत्र।

  • यहां आत्मा देह रहित होकर संकल्प करती है और शक्ति बनाती है

  • उदाहरण: जैसे कलाकार स्टेज पर जाने से पहले तैयारी करता है, वैसे ही आत्मा संकल्प और शक्ति की तैयारी करती है।

मुरली नोट:

“सूक्ष्म वतन में आकर तुम बच्चों को संकल्प द्वारा शक्ति देते हैं।” – अव्यक्त मुरली 21 मार्च 2025


Q4: मूल वतन और सूक्ष्म वतन में अंतर क्या है?

A4:

विशेषता मूल वतन सूक्ष्म वतन
स्थान आत्मा का शाश्वत घर सेवा और संकल्प का क्षेत्र
उद्देश्य शांति और स्थिरता का अनुभव शक्ति और संकल्प का निर्माण
अनुभव स्थिरता, प्रकाशमय स्थिति संकल्प और शक्ति का प्रयोग
समय अनुभव नहीं संकल्प के अनुसार कार्य संभव

Q5: सूक्ष्म वतन का अनुभव हमें कैसे लाभ देता है?

A5:

  • सूक्ष्म वतन में आत्मा संकल्प और शक्ति बनाकर स्थूल जगत में कठिनाईयों का सामना कर सकती है।

  • जब आत्मा देह से न्यारी हो जाती है, तब वहां संकल्प शक्ति बन जाती है और जीवन का हिस्सा बनती है।

मुरली नोट:

साकार मुरली 26 सितंबर 2025:
“मैं देह अभिमान से मुक्त होकर कभी मूल वतन की शांति, कभी सूक्ष्म वतन की शक्ति का अनुभव करूंगा।”


Q6: उदाहरण से समझें – मूल वतन और सूक्ष्म वतन

A6:

  • मूल वतन: गहरी नींद में शांति का अनुभव।

  • सूक्ष्म वतन: कलाकार स्टेज पर जाने से पहले तैयारी।

  • दोनों में आत्मा स्थूल जगत से ऊपर उठकर शांति और शक्ति का अनुभव करती है।

डिस्क्लेमर

यह वीडियो ब्रह्माकुमारी अव्यक्त मुरली और आध्यात्मिक शिक्षाओं पर आधारित है। इसमें प्रस्तुत ज्ञान आध्यात्मिक दृष्टिकोण से समझाने के लिए है। व्यक्तिगत अनुभव और ध्यान के लिए देखें। यह भौतिक या वैज्ञानिक तथ्यों का विकल्प नहीं है।

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