एडवान्स पार्टी नई दुनिया के आरंभ करने की जन्मला {12}
(प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)
“एडवांस पार्टी: नई दुनिया की जन्म माला कैसे बनती है? | 18 Jan 1986 की अव्यक्त मुरली से रहस्य”
हम किस विषय पर अध्ययन कर रहे हैं?
आज हम उस विषय को समझ रहे हैं जो बेहद गुप्त है, लेकिन बाबा ने समय-समय पर मुरलियों में हमें स्पष्ट किया है — एडवांस पार्टी द्वारा नई दुनिया के आरंभ की जन्म माला कैसे बनती है।
शीर्षक 1: एडवांस पार्टी – नई रचना की नींव
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यह मुरली 18 जनवरी 1986 की है।
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बाबा ने बताया कि दो प्रकार की मालाएं बन रही हैं।
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कौन सी आत्माएं इस जन्म माला का हिस्सा बनती हैं?
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वतन में एडवांस में गई आत्माएं इमर्ज हैं — वे रूह-रूहन कर रही हैं।
शीर्षक 2: दिल वाले बनें या दिमाग वाले?
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बापदादा आज दिल वालों की लिस्ट देख रहे हैं।
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“दिमाग वाले नाम कमाते हैं, दिल वाले दुआएं कमाते हैं।”
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सिर्फ ज्ञान से नहीं, ज्ञान को धारण करने से प्राप्ति होती है।
शीर्षक 3: वतन में चल रही रूह-रूहन
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विशेष आत्माएं समय और संपूर्णता के समीकरण को देख रही हैं।
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कौन-कौन समय पर संपूर्णता को प्राप्त करेगा?
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कौन तैयार हुआ है, और कौन अभी तैयार हो रहा है — सब स्टेज पर आ रहे हैं नंबरवार।
शीर्षक 4: एडवांस पार्टी का प्रश्न — सहयोग कहाँ है?
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एडवांस पार्टी पूछती है — हम तो कार्य कर रहे हैं, लेकिन हमारे साथी क्या सहयोग दे रहे हैं?
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वे भी माला बना रहे हैं — नई दुनिया के जन्म की माला।
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यह सूक्ष्म, शक्तिशाली मंसा सहयोग की मांग करता है।
शीर्षक 5: तमोप्रधान दुनिया में कमल समान आत्माएं
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जो आत्माएं स्थापना के निमित्त बन रही हैं, वे स्वयं पावन हैं।
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लेकिन वातावरण, प्रकृति और व्यक्तियों का तमोगुण भारी है।
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ऐसे में सतोगुण आत्माएं कमल फूल की तरह कीचड़ में रहकर भी न्यारी हैं।
शीर्षक 6: क्या सेवा की स्मृति है?
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रूहानी आत्माएं पूछ रही थीं — क्या हमारे साथी सेवा की स्मृति में हैं?
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कई आत्माएं सेवा केंद्रों और जोनल कार्यों में व्यस्त हैं।
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बापदादा आज उन्हें एक विशेष संदेश सुना रहे हैं।
शीर्षक 7: जिसने अंत किया — उसने सब कुछ किया
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जब आदि में निमित्त बने हो, तो अंत में भी निमित्त बनना है।
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गर्भ महल तैयार करने हैं — एडवांस स्टेज की आत्माओं के लिए।
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बाकी आत्माएं तो जेल में जन्म ले सकती हैं, परंतु उन्हें तो महल में जन्म लेना है।
शीर्षक 8: नई रचना की शुरुआत — योगबल से
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नई रचना का आरंभ योगबल से होगा।
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और योगबल के लिए चाहिए मंसा शक्ति।
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जब मंसा शक्ति होगी, तब योगबल भी बढ़ेगा।
आइए आत्म-निरीक्षण करें — क्या मैं वह आत्मा हूँ जो बाबा के दिल में है? क्या मेरी मंसा एडवांस कार्य में सहयोग दे रही है?
“एडवांस पार्टी: नई दुनिया की जन्म माला कैसे बनती है? | 18 Jan 1986 की अव्यक्त मुरली से रहस्य”
Q1: हम किस विषय पर अध्ययन कर रहे हैं?
A1: हम इस बेहद गुप्त विषय को समझ रहे हैं कि एडवांस पार्टी नई दुनिया के आरंभ की जन्म माला कैसे बनाती है, जैसा कि बाबा ने 18 जनवरी 1986 की अव्यक्त मुरली में बताया।
शीर्षक 1: एडवांस पार्टी – नई रचना की नींव
Q2: 18 जनवरी 1986 की मुरली में बाबा ने किस प्रकार की मालाओं का ज़िक्र किया?
A2: बाबा ने बताया कि दो प्रकार की मालाएं बन रही हैं — एक जो दिमाग से काम कर नाम कमाती हैं और दूसरी जो दिल से सेवा कर दुआएं कमाती हैं।
Q3: इस जन्म माला का हिस्सा बनने वाली आत्माएं कौन हैं?
A3: वे आत्माएं जो एडवांस में वतन चली गई हैं और जो रूह-रूहन (spiritual research) कर रही हैं, वही आत्माएं जन्म माला की नींव बन रही हैं।
शीर्षक 2: दिल वाले बनें या दिमाग वाले?
Q4: बापदादा किस प्रकार की आत्माओं की लिस्ट देख रहे थे?
A4: बापदादा दिल वालों की लिस्ट देख रहे थे — जो प्रेम, निष्ठा और सच्ची भावना से सेवा कर रहे हैं।
Q5: नाम कमाने और दुआ कमाने में क्या अंतर है?
A5: दिमाग वाले नाम कमाते हैं, लेकिन दिल वाले दुआएं कमाते हैं — और दुआओं से ही आत्मा की उन्नति होती है।
Q6: प्राप्ति किससे होती है — ज्ञान से या धारण करने से?
A6: सिर्फ ज्ञान से नहीं, ज्ञान को धारण करने से ही सच्ची प्राप्ति होती है।
शीर्षक 3: वतन में चल रही रूह-रूहन
Q7: वतन में आत्माएं किस बात की रूह-रूहन कर रही हैं?
A7: आत्माएं समय और संपूर्णता पर चिंतन कर रही हैं — कब और कौन आत्मा संपूर्णता को प्राप्त करेगी।
Q8: आत्माएं किस स्थिति में हैं?
A8: सब आत्माएं नंबरवार स्टेज पर आ रही हैं — कोई तैयार हैं, और कोई अभी बन रहे हैं।
शीर्षक 4: एडवांस पार्टी का प्रश्न — सहयोग कहाँ है?
Q9: एडवांस पार्टी की मुख्य जिज्ञासा क्या थी?
A9: एडवांस पार्टी पूछ रही थी कि — हम तो सूक्ष्म कार्य कर रहे हैं, लेकिन क्या हमारे साथी (corporeal) सेवा में सही सहयोग दे रहे हैं?
Q10: किस प्रकार का सहयोग अपेक्षित है?
A10: सूक्ष्म, शक्तिशाली, मंसा का सहयोग — जिससे नई दुनिया की जन्म माला तेज़ी से बन सके।
शीर्षक 5: तमोप्रधान दुनिया में कमल समान आत्माएं
Q11: नई स्थापना में निमित्त आत्माओं की स्थिति कैसी है?
A11: वे आत्माएं स्वयं पावन हैं, लेकिन चारों ओर तमोगुणी वायुमंडल में कमल पुष्प समान रह रही हैं — कीचड़ में रहते हुए भी निराकारी स्थिति में।
शीर्षक 6: क्या सेवा की स्मृति है?
Q12: रूहानी आत्माएं क्या पूछ रही थीं?
A12: वे पूछ रही थीं — क्या हमारे साथी आज भी सेवा की मूल भावना और स्मृति में हैं, या वे सिर्फ सेंटर और जोन के कामों में व्यस्त हैं?
Q13: बाबा की आज की विशेष चेतावनी क्या थी?
A13: बाबा ने स्मृति दिलाई कि जिन्होंने आदि में निमित्त बन सेवा की है, उन्हें अंत में भी बेहद की सेवा में सहयोगी बनना है।
शीर्षक 7: जिसने अंत किया — उसने सब कुछ किया
Q14: बाबा ने ‘जिसने अंत किया, उसने सब कुछ किया’ — इसका क्या भाव है?
A14: इसका अर्थ है कि जो आत्मा अंत समय में भी निमित्त बनते हैं, वही वास्तव में बाबा के कार्य की पूर्णता करते हैं।
Q15: एडवांस आत्माओं के लिए किस प्रकार के जन्म स्थान की तैयारी है?
A15: उनके लिए गर्भ महल तैयार हो रहे हैं, क्योंकि उन्हें जेल में नहीं, महल में जन्म लेना है।
शीर्षक 8: नई रचना की शुरुआत — योगबल से
Q16: नई रचना का आधार क्या होगा?
A16: नई रचना योगबल से आरंभ होगी — न कि कोई भौतिक शक्ति से।
Q17: योगबल के लिए कौन सी शक्ति आवश्यक है?
A17: मंसा शक्ति — जो आत्मा की शुद्ध, स्थिर और संकल्पमय स्थिति से उत्पन्न होती है।
आत्म-निरीक्षण का समय
Q18: हमें कौन-से दो प्रश्नों से आत्म-जांच करनी चाहिए?
A18:
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क्या मैं वह आत्मा हूँ जो बाबा के दिल में है?
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क्या मेरी मंसा एडवांस कार्य में सहयोग दे रही है?
Q19: आज की मुरली का मुख्य सार क्या है?
A19: बाबा चाहते हैं कि हम दिल वाले बनें, मंसा से सहयोगी बनें और नई दुनिया की जन्म माला का भाग्यवान हिस्सा बनें।
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