-06- Raja Yoga: Voice of the soul, the path of life.

-06- राजयोगः आत्मा की आवाज, जीवन का मार्ग|

( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)

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“सहज राजयोग: वह ज्ञान जो स्वयं ईश्वर हमें सिखाते हैं | आत्मा की आवाज़ और जीवन का मार्ग | Brahma Kumaris”

प्रस्तावना: ओम शांति – एक दिव्य आरंभ

ओम शांति।
आज हम एक अत्यंत गूढ़, लेकिन सहज ज्ञान को समझने जा रहे हैं — सहज राजयोग, जिसे स्वयं परमपिता परमात्मा सिखाते हैं।
यह कोई साधारण योग नहीं है, और न ही इसे कोई देवधारी मनुष्य सिखा सकता है। यह है ईश्वर का सहज पाठ, जो हमें आत्मा की आवाज़ और जीवन का सही मार्ग दिखाता है।

1. सहज राजयोग क्या है?

सहज राजयोग कोई कठिन तप या आसन नहीं है।
यह एक आत्मिक विधि है जिसमें आत्मा स्वयं को परमात्मा से जोड़ती है —
बिना किसी बाहरी साधन के, बिना किसी पाखंड के।

राजयोग का अर्थ है – राजाओं का योग
और यह योग हमें आत्मा की सच्ची आवाज़ सुनने की शक्ति देता है।


2. आत्मा की आवाज़ और जीवन का मार्ग

यदि हम आज की भागदौड़ भरी दुनिया में खुद से पूछें –
“मैं कौन हूँ?”, “मैं यहाँ क्यों हूँ?”, “मुझे वास्तव में क्या चाहिए?”
तो जवाब भीतर से आता है – शांति, आनंद और पवित्रता।
यह आत्मा की आवाज़ है।
राजयोग हमें उस आवाज़ को सुनने और उसके अनुसार चलने का मार्ग सिखाता है।


 3. आज का मनुष्य और इंद्रियों की दासता

आज का मनुष्य इंद्रियों और विषय-विकारों के वशीभूत हो गया है।
वह दिखावे, लालच और भोग में खो गया है।
परंतु एक सच्ची आत्मा भीतर से चाहती है – मुक्ति, शांति और शाश्वत आनंद।
राजयोग वही साधन है जो हमें इनसे मुक्त करता है और आत्मा को उसकी मूल स्थिति में लाता है।


4. यदि आत्मा यह चाहती है…

यदि आत्मा चाहती है कि –

“मैं जीवन के रहस्यों को जानूं…”
“मैं भगवान के साथ संबंध बनाऊं…”
“मैं अपने मन को शुद्ध और शांत रखूं…”

तो उस इच्छा को पूरा करने का एक ही तरीका है – राजयोग।
यह न केवल एक साधना है, यह एक जीवनपद्धति है।


5. राजयोग: आत्मा की आज़ादी की विधि

राजयोग व्यक्ति को यह सिखाता है कि वह इंद्रियों का स्वामी बने, दास नहीं
यह उसे सशक्त बनाता है कि वह कछुए की तरह – विषयों से हटकर – अंदर की शक्ति से जी सके।
यह योग आत्मा को दीर्घायु, निर्भय, और दिव्य बनाता है।


 6. पुनः विश्व की स्थापना – राजयोग से

राजयोग केवल व्यक्ति को नहीं बदलता –
यह एक विश्व व्यवस्था की पुनः स्थापना करता है।
पूर्ण पवित्रता, शांति और समृद्धि से युक्त ऐसा युग फिर से आता है —
सतयुग, जहाँ आत्माएं अपने श्रेष्ठतम स्वरूप में होती हैं।


 7. कौन सिखा रहा है यह राजयोग?

यह कोई मनुष्य नहीं,
स्वयं परमपिता परमात्मा शिव,
प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के माध्यम से
हमें यह दिव्य राजयोग सिखा रहे हैं।

यह है सृष्टि के परिवर्तन का सबसे सहज और शक्तिशाली माध्यम।


उपसंहार: आत्मा की पुकार और ईश्वर का उत्तर

आज आत्मा पुकार रही है — “हे भगवान! मुझे मार्ग दिखाओ…”
और भगवान उत्तर दे रहे हैं —
“आत्मन, तुम मेरा अंश हो। याद से तुम्हें सब कुछ मिल सकता है।”

तो आइए, राजयोग के इस पथ पर चलें,
अपने जीवन को ऊँचा बनाएं, और
इस धरा पर पुनः स्वर्णिम युग की स्थापना करें।

शीर्षक:“स्वयं ईश्वर सिखाते हैं सहज राजयोग – 06 | राजयोगः आत्मा की आवाज, जीवन का मार्ग | Brahma Kumaris Q&A”


प्रश्न 1: सहज राजयोग क्या है?

 उत्तर:सहज राजयोग एक ऐसी आत्मिक विधि है जिसमें आत्मा बिना किसी बाहरी साधन या कठोर तपस्या के स्वयं को परमात्मा से जोड़ती है। यह योग राजाओं के समान आत्म-सम्मान में स्थित होकर मन का शासन प्राप्त करने का मार्ग है।


प्रश्न 2: क्या यह योग कोई मनुष्य सिखा सकता है?

 उत्तर:नहीं। सहज राजयोग कोई साधारण मनुष्य या देवधारी नहीं सिखा सकता। इसे स्वयं परमपिता परमात्मा शिव, प्रजापिता ब्रह्मा के माध्यम से सिखा रहे हैं।


प्रश्न 3: राजयोग आत्मा की आवाज कैसे सुनने में सहायक है?

उत्तर:राजयोग हमें आंतरिक शांति और मौन में स्थित करता है जिससे हम “मैं कौन हूँ?” जैसे प्रश्नों का उत्तर खुद से पा सकते हैं। आत्मा की आवाज हमें शांति, पवित्रता और आनंद की ओर बुलाती है, और राजयोग उस आवाज को स्पष्ट करता है।


प्रश्न 4: आज का मनुष्य किस चीज़ का गुलाम बन चुका है?

 उत्तर:आज का मनुष्य इंद्रियों और विषय-विकारों का गुलाम बन चुका है। वह भोग, लालच और दिखावे में खो गया है, जिससे उसका आत्म-संपर्क टूट गया है।


प्रश्न 5: यदि आत्मा ईश्वर से संबंध चाहती है तो उसे क्या करना चाहिए?

 उत्तर:उसे सहज राजयोग का अभ्यास करना चाहिए। यह ही वह मार्ग है जो आत्मा को जीवन के रहस्यों से परिचित कराता है और ईश्वर से संबंध जोड़ता है।


प्रश्न 6: राजयोग हमें इंद्रियों पर कैसे विजय दिलाता है?

 उत्तर:राजयोग आत्मा को अंदर से सशक्त बनाता है, जिससे व्यक्ति इंद्रियों का स्वामी बनता है – दास नहीं। वह कछुए की तरह विषयों से हटकर स्थिरता प्राप्त करता है।


प्रश्न 7: क्या राजयोग केवल व्यक्ति को बदलता है?

 उत्तर:नहीं, राजयोग न केवल व्यक्ति को बदलता है बल्कि संपूर्ण विश्व व्यवस्था को भी पुनः शुद्ध, शांत और समृद्ध बना सकता है। यही सतयुग की स्थापना का आधार है।


प्रश्न 8: यह राजयोग सिखाने वाला कौन है?

 उत्तर:यह सहज राजयोग स्वयं परमात्मा शिव हमें सिखा रहे हैं, ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के माध्यम से। यह दिव्य ज्ञान किसी भी मानव द्वारा सिखाया नहीं जा सकता।


प्रश्न 9: आत्मा की पुकार का उत्तर भगवान कैसे देते हैं?

 उत्तर:जब आत्मा पुकारती है – “हे भगवान! मुझे मार्ग दिखाओ…”
तो परमात्मा उत्तर देते हैं – “तुम मेरे अंश हो, मेरी याद में स्थित होकर तुम सब कुछ पा सकते हो।”


प्रश्न 10: आज के समय में राजयोग का क्या महत्व है?

 उत्तर:आज का युग परिवर्तन का समय है। राजयोग ही वह साधन है जो आत्मा को पुनः दिव्यता प्रदान कर, पृथ्वी पर स्वर्णिम युग की स्थापना करता है।

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