Scenes from the time of destruction (03)-When the souls awaken, nature itself will come into service

विनाश के समय के दृश्य(03)-जब आत्माएँ जागेंगी तो प्रकृति स्वयं सेवा में आ जाएगी

( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)

YouTube player

जब आत्माएँ जागेंगी, तो प्रकृति स्वयं सेवा में आ जाएगी!”

प्रकृति भी बनेगी सहयोगी आत्माओं के संकल्प की शक्ति! अन्ततः प्रकृति बनेगी सहयोगी!

 प्रिय दिव्य आत्माओं,

जब आत्माएँ संकल्प की शक्ति से सशक्त बनेंगी, तब यह पाँचों तत्व (पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, आकाश) भी सहयोगी बन जाएंगे।

✔  सागरचारों ओर से सारी मूल्यवान वस्तुएँ भारत की धरती पर समर्पित कर देगा।

✔  धरतीअपनी हलचल द्वारा सभी वैल्युबुल वस्तुओं को एकत्र कर देगी।

✔ बरसातधरती की सफाई में सहयोग देगी, तमोगुण को धोकर सतोप्रधान बना देगी।

✔ वायुअशुद्धता को उड़ा ले जाएगी और शुद्ध वातावरण का निर्माण करेगी।

🌱 प्रकृति का हर तत्व आपके श्रेष्ठ संकल्पों की आज्ञा मानेगा!आत्माओं की शक्ति से होगा परिवर्तन!

📌 जब आपकी सत्यता की शक्ति जागृत होगी, तब

✅ समय बदल जाएगा!

✅ सामग्री स्वयं आपके लिए उपलब्ध होगी!

✅ सभी संबंध और संस्कार सतोप्रधान बन जाएंगे!

✅ आपका आहार और व्यवहार दिव्यता से भर जाएगा!

✅ तमोगुण का नाम-निशान भी नहीं रहेगा!

 💡 यह तब संभव होगा जब पहले आपकी कर्मेन्द्रियाँ, मन, बुद्धि और संस्कार आपके आदेश में आएँगे! शक्तिशाली तपस्या सेकंड में होगा परिवर्तन!

🚀 इतनी पावरफुल तपस्या होनी चाहिए कि

✔ सभी ब्राह्मण आत्माएँ एक समय, एक संकल्प में स्थित हों।

✔ सिर्फ एक सेकंड में संकल्प हो और प्रकृति परिवर्तन के लिए हाजिर हो जाए!

✔ संगठित संकल्प से पुरानी दुनिया नई दुनिया में बदल जाए!

 🌟 अब समय है कि हम अपने शक्तिशाली संगठित संकल्प से इस परिवर्तन को साकारकरें

संकल्प करें अब हमें प्रकृति को आदेश देना है!

❌ प्रकृति की शक्तियों से डरना नहीं है!

✅ हमें अपनी आंतरिक शक्ति को इतना बढ़ाना है कि प्रकृति स्वतः आदेश माने!

✅ यह तभी संभव होगा जब हम अपने मन, बुद्धि और संस्कारों को पूर्ण रूप से दिव्यता में स्थित करें याद रखें

🔥 जब आत्माएँ जागेंगी, तो प्रकृति स्वयंसेवा में आजाएगी!

🔥 आपका संगठित संकल्प ही नई दुनिया के आने की घंटी बजाएगा!

 “तो अब संकल्प करें हम अपने संकल्पों की शक्ति से नई दुनिया की स्थापना करेंगे!” अन्त में यह प्रकृति के सभी तत्व आप सबको सहयोग देने वाले दाता बन जायेंगे। यह सागर चारों ओर की सामग्री भारत की धरनी पर लाने में सहयोगी होगा। धरनी की हलचल सारी वैल्युबुल वस्तु आप श्रेष्ठ आत्माओं के लिए एक स्थान भारत में इकट्ठी कर देने में सहयोगी होगी। बरसात भी धरनी की सफाई के सहयोग में हाजिर हो जायेगी। कुछ वायु उड़ायेगी, कुछ बरसात साथ ले जायेगी तब इतना सारा किचड़ा साफ होगा। आपके सत्यता की शक्ति प्रकृति को, समय को, सामग्री को, सर्व सम्बन्धों को, संस्कारों को, आहार को, व्यवहार को सबको सतोप्रधान बना देगी। तमोगुण का नाम निशान खत्म हो जायेगा।

यह प्रकृति आपके संकल्प से ऑर्डर तब मानेगी जब पहले आपकी सहयोगी कर्मेन्द्रियां मन, बुद्धि और संस्कार ऑर्डर मानेंगे। ऐसी पावरफुल तपस्या की ऊंची स्थिति हो जो सर्व के एक संकल्प, एक समय पर उत्पन्न हों। सेकण्ड का संकल्प हो परिवर्तन और प्रकृति हाजिर हो जाए। आप सबके शक्तिशाली संगठित रूप के संकल्प से ही यह पुरानी दुनिया नई दुनिया में परिवर्तन होगी।

 जब आत्माएँ जागेंगी, तो प्रकृति स्वयं सेवा में आ जाएगी!

प्रकृति भी बनेगी सहयोगी – आत्माओं के संकल्प की शक्ति!

प्रश्न और उत्तर:

1. प्रकृति आत्माओं की संकल्प शक्ति से कैसे सहयोगी बनेगी?
🌱 जब आत्माएँ अपनी दिव्यता और संकल्प की शक्ति को जागृत करेंगी, तब पाँचों तत्व (पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, आकाश) सहयोगी बन जाएंगे। सागर मूल्यवान वस्तुएँ भारत की भूमि पर लाएगा, धरती अपनी हलचल से आवश्यक संसाधन जुटाएगी, बरसात तमोगुण को धोकर सतोप्रधान बनाएगी, और वायु शुद्ध वातावरण का निर्माण करेगी।

2. क्या सच में संकल्प शक्ति से समय और संसार बदल सकता है?
✅ हाँ, जब आत्माएँ अपनी सत्यता की शक्ति को जागृत करेंगी, तब समय बदल जाएगा। सामग्री स्वतः उपलब्ध होगी, संबंध और संस्कार सतोप्रधान बनेंगे, और तमोगुण समाप्त हो जाएगा।

3. क्या हमें प्रकृति की शक्तियों से डरना चाहिए?
❌ नहीं, बल्कि हमें अपनी आत्मिक शक्ति को इतना बढ़ाना है कि प्रकृति स्वतः हमारी आज्ञा माने। यह तभी संभव होगा जब हम अपने मन, बुद्धि और संस्कारों को दिव्यता में स्थित करेंगे।

4. किस प्रकार की तपस्या से प्रकृति को आदेश दिया जा सकता है?
🚀 इतनी शक्तिशाली तपस्या होनी चाहिए कि सभी ब्राह्मण आत्माएँ एक समय, एक संकल्प में स्थित हों। केवल एक सेकंड के संकल्प से प्रकृति हाजिर हो और पुरानी दुनिया से नई दुनिया में परिवर्तन हो जाए।

5. क्या प्रकृति स्वयं ब्राह्मण आत्माओं की सेवा में आ सकती है?
🔥 हाँ, जब ब्राह्मण आत्माएँ अपने संकल्पों की शक्ति को जागृत करेंगी, तब प्रकृति स्वयं सहयोगी बन जाएगी। जब संकल्प दिव्य होंगे, तब प्रकृति सेवा में आ जाएगी।

6. क्या यह परिवर्तन स्वतः होगा, या इसके लिए कुछ विशेष प्रयास करने होंगे?
✅ यह परिवर्तन तभी संभव होगा जब हम अपने संकल्पों को शक्ति से भर दें। हमें अपने मन, बुद्धि और संस्कारों को पूर्ण रूप से दिव्यता में स्थित करना होगा और संगठित संकल्प से प्रकृति को आदेश देना होगा।

7. संगठित संकल्प से क्या प्रभाव पड़ेगा?
🌟 जब सभी ब्राह्मण आत्माएँ संगठित होकर एक ही संकल्प धारण करेंगी, तब यह पुरानी दुनिया अपने आप बदलकर नई दुनिया में परिवर्तित हो जाएगी।

🚩 तो अब संकल्प करें – हम अपने संकल्पों की शक्ति से नई दुनिया की स्थापना करेंगे!

आत्माएँ जागेंगी, प्रकृति सहयोगी बनेगी, संकल्प शक्ति, आत्माओं की शक्ति, पांच तत्व, प्रकृति का परिवर्तन, दिव्य संकल्प, ब्राह्मण आत्माएँ, सत्यता की शक्ति, तपस्या की शक्ति, योगबल, संगठित संकल्प, नई दुनिया, प्रकृति का आदेश, सतोप्रधान विश्व, विश्व परिवर्तन, प्रकृति की सेवा, आत्मिक जागृति, ब्राह्मणों की भूमिका, परमात्मा का कार्य, प्रकृति शुद्धि, श्रेष्ठ संकल्प, दिव्यता की स्थापना, विश्व शांति, तमोगुण का अंत, आध्यात्मिक क्रांति, स्वर्णिम युग, सत्ययुग की स्थापना, ब्राह्मणों की शक्ति, विश्व कल्याण,

Souls will awaken, nature will cooperate, power of resolve, power of souls, five elements, transformation of nature, divine resolve, Brahmin souls, power of truth, power of penance, power of yoga, organized resolve, new world, order of nature, Satpradhan world, world transformation, service of nature, spiritual awakening, role of Brahmins, work of God, purification of nature, noble resolve, establishment of divinity, world peace, end of Tamoguna, spiritual revolution, golden age, establishment of Satyayug, power of Brahmins, world welfare,